राजगीर ( एक्सपर्ट मिडिया न्यूज)। जब से इस देश में पत्रकारिता का जन्म हुआ, तब से ही चाटुकारिता का भी जन्म हुआ। हम सभी जानते है सभी चीजों के दो पहलु होते है। हमारे संस्थान का जन्म ही सच को उज्जागर करने के लिए हुआ है। फिर चाहे क्यूं न देशद्रोह का मुकदमा ही चल जाये ।
आज वो बाते चरितार्थ हो रही है। सच आँखों के सामने रह कर भी दिख नहीं पा रहा। क्यूंकि चश्मा जब सफेद होगा तो रंग कहां से दिखेगा। हमारी साइट की सूचनाओं से मौकापरस्त लोगों को दर्द होनी लाजमि है। लेकिन हमारी जबाबदेही भोले-भाले जन मानस के प्रति है, जो सच जानने के लिए टकटकी लगाए देख रही है।
अब आते है मुद्दे पर। क्या ये सच नहीं है, जो आज चीख-चीख के नगर पंचायत में घोटाले की बात कर रहे हैं वो चीन जैसे विस्तारवादी अतिक्रमणकारी नहीं है? क्या सच जानने की जरुरत नहीं महसूस की गई।
सीधे सीधे फैसला कर लिया गया की नगर पंचायत पूरी तरह से दोषी है। हम मानतें हैं कि नगर पंचायत कोई गंगा नहीं है, जो पवित्र हो। फिर चाहे उस गंगा में कितने भी नाले का पानी क्यूं न गिरता हो ।
शहर साफ़-सुथरा स्वच्छ बने। अतिक्रमण मुक्त बने। सड़क, नाली सब ठीक हो। इसके लिए जबाबदेही किसकी है। इसकी जाँच होनी चाहिए या नहीं। यूँ इक्का-दूक्का अचानक रोबिन हुड का जन्म होना और जनता के लिए घडयाली आँसू बहाना तथा फिर मरियल हो जाना- यह बताता है कि हिस्सेदारी में कमी हुई तो बेर खट्टे हो गए।
फ़ाइल-फ़ाइल/ घोटाला-घोटाला करते करते नगर पंचायत को विकास कार्यो से रोकने की जांच भी होनी चाहिए। आचानक जब सुबह नींद खुली तो पता चला की गुम हुआ प्राक्कलन संचिका बन गया। दूसरे दिन बड़ा घोटला बन गया।
कुछ दिन और ये चला तो पूरा नगर पंचायत ही कंही गायब न हो जाये। जाँच तो होनी चाहिए कि किस और किन मकसद से ये किया जा रहा है। हमाम में सभी नंगे है, बस वक़्त आने की बात है।
ये पब्लिक है सब जानती है ………. जारी