राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के प्रतिष्ठित जैन धर्म की सबसे बड़ी संस्था वीरायतन द्वारा रात अंधेरे गुंडागर्दी बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है। वीरायतन प्रबंधन ने बीती रात करीब 9 बजे जेसीबी से बिहार सरकार पथ निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए फुटपाथ को बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के तोड़ दिया है।
इस बात की जानकारी देते हुए नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच राजगीर के अध्यक्ष रमेश कुमार पान बताया कि वीरायतन संस्था के द्वारा बीती रात करीब 9 बजे सरकारी फुटपाथ को लगभग 30 फ़ीट तक जेसीबी से तोड़ दिया गया है। जिससे तीन दुकानदारों को क्षति हुई है और उनके दुकान में रखे गए सामान भी चोरी हो गई है।
उन्होंने वीरायतन के पास अवस्थित दुकानदारों को वेंडिंग जोन बनाकर उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके। जब नगर निवेशन प्राधिकार की अर्जित भूमि वीरायतन को सौंपा जा सकता है तो फुटपाथ वेंडर्स को क्यों नहीं?
बता दें कि बिहार सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के तहत बिहार सरकार से निबन्धित संस्था वीरायतन की शाखाएं राजगीर से शुरू होकर 35 स्थानों तक फैली है।
इस संस्था को करोड़ों रुपए चंदा आता है और बिहार सरकार ने इसे सैकड़ो एकड़ सरकारी जमीन, यहाँ तक कि नगर निवेशन प्राधिकार की अर्जित 61 डीसमिल भूमि भी अस्पताल संचालन के लिए दे रखी हैं।
वहीं इस परिसर में बने म्यूजियम से लाखों रुपए महीने की आय है, जहां देशी-विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। साथ ही इनके द्वारा संचालित अस्पताल में भी सैकड़ो मरीज प्रतिदिन आते जाते हैं।
इन दोनों जगह पर 40 वर्षों पूर्व वीरायतन की स्थापना से लेकर आज तक फुटपाथी दुकानदार पर्यटकों को एवं रोगियों को अल्प शुल्क में खाद्य सामग्री, खिलौने, मनिहारी का सामान आदि उपलब्ध कराते हैं।
लेकिन कहते हैं कि इन्हीं फुटपाथी दुकानदारों को हटाने की मंशा से वीरायतन के द्वारा बीती रात करीब 9 बजे सरकारी निर्माण को जेसीबी से धाराशाही किया है।
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