“नालंदा वन विभाग की पोल खोलती वीडियो और तस्वीर शायद ये बताने के लिए काफी है कि वन संरक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है…………..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। अंतर्राष्ट्रीय नगरी राजगीर के वनक्षेत्रों की हरियाली की रक्षा करने में वन विभाग असमर्थ साबित हो रहा है। तभी तो पूरे जंगली क्षेत्र में हरे भरे पेड़ों की रोजाना कटाई जारी है।
प्रकृति की मार झेल रही सरकार पेड़ो के संरक्षण की कठोर कदम उठाये जाने की बात करती है, लेकिन जँगली खूबसूरती को जिस तरह काटकर तहस नहस किया जा रहा है। आने वाले दिनों में पानी और हवा के लिए लोग बूँद बूँद तरसने को मजबूर हो जाएंगे।
राजगीर के जंगली क्षेत्र को हरा भरा बनाये रखने के लिए बिहार सरकार द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये खर्च हो रहा है। बाबजूद इसके पेड़ो की अवैध कटाई भी वनकर्मियों के सहयोग से धड़ल्ले से जारी है।
राजगीर कुंड क्षेत्र के जलादेवी मंदिर, वनगंगा और सोन भण्डार से जेठीयन मार्ग में प्रतिदिन पेड़ काटे जा रहे है।
जदयू के प्रदेश सचिव संजय गुप्ता के अनुसार राजगीर के जँगलो में तस्करी के माध्यम से पेड़ और जड़ी बूटियों की तस्करी हो रही है। राजगीर के तीन स्थानों गुरुनानक कुंड, वनगंगा और जेठीयन सीमा पर वन विभाग की स्पेशल चौकी लगाकर पेड़ो की तस्करी को रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं वरीय पदाधिकारी राजगीर आते है तो वनकर्मियों द्वारा सभी पेड़ काटने वाले को जंगल क्षेत्र में जाने से मना कर दिया जाता है, लेकिन फिर अवैध कटाई नियमित जारी रहती है।
मिशन हरियाली नालन्दा के संयोजक महेंद्र कुमार विकल ने कहा कि वृक्षारोपण करके ही हम प्रकृति को बचा सकते है। लेकिन लगे हुए वृक्षों की सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन सरकार नहीं कर पा रही है। जिससे समस्या और विकराल होती जा रही है।
श्री विकल ने वन विभाग से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी जिले में चलाने की मांग की है। ताकि पेड़ो की अवैध कटाई पर तत्काल सूचना दी जाय और विभाग उसपर रोक लगा सके।
जंगल से लकड़ी की कटाई के साथ जंगली जड़ी बूटियों की तस्करी में दर्जनों लोगों की काली कमाई हो रही है जिसमे वनकर्मियों का भी बंदरबांट होता है।
राजगीर के स्थानीय समाजसेवी रमेश पान, गोपाल भदानी, अनुपम क्षत्रिय, सुबोध मोदी, टूना बाबा, पंडा कमिटी के सचिव विकास उपाध्याय आदि ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों से अवैध कटाई पर अंकुश लगाने की मांग की है।