“यह अभियान न केवल स्थानीय यात्रियों की परेशानियों को उजागर कर रहा है, बल्कि रेलवे प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बनकर सामने आया है। अब देखना यह है कि क्या यह प्रयास रंग लाता है और हिलसा के यात्रियों को वह सुविधाएँ मिल पाती हैं, जिनकी उन्हें लंबे समय से जरूरत है…
हिलसा (नालंदा दर्पण)। हिलसा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की कमी से परेशान स्थानीय लोगों ने अपनी मांगों को रेल मंत्रालय तक पहुँचाने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इस अभियान में प्लेटफॉर्म की ऊँचाई बढ़ाने, ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने और ओवर ब्रिज निर्माण जैसी प्रमुख माँगें शामिल हैं। दैनिक यात्री संघ के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान को सैकड़ों लोगों का समर्थन मिल चुका है, जो अपनी माँगों को मजबूती के साथ अधिकारियों के सामने रखने के लिए एकजुट हो रहे हैं।
कहा जाता है कि फतुहा-इसलामपुर रेलखंड के निर्माण को दो दशक से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन हिलसा रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव आज भी बना हुआ है। प्रतिदिन हजारों यात्री इस स्टेशन से देश के विभिन्न शहरों की यात्रा करते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। अभियान के दौरान संगठन के सदस्यों ने बताया कि यह अभियान एक सप्ताह तक चलेगा। जिसके बाद हस्ताक्षर युक्त माँग पत्र जनप्रतिनिधियों और रेलवे अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
बता दें कि हिलसा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या और उनके समय को लेकर भी लोगों में खासी नाराजगी है। सुबह 7 बजे के बाद हिलसा से पटना जाने के लिए अगली ट्रेन शाम 4 बजे मगध एक्सप्रेस है। वहीं पटना से इस्लामपुर के लिए दोपहर 12:45 बजे के बाद अगली ट्रेन रात 8:30 बजे उपलब्ध है। इस लंबे अंतराल के कारण यात्रियों को भारी असुविधा होती है। लोगों की माँग है कि पटना से इस्लामपुर के लिए शाम 6 से 7 बजे के बीच और सुबह 10 से 11 बजे के बीच एक-एक अतिरिक्त पैसेंजर ट्रेन चलाई जाए। उनका कहना है कि इन दो ट्रेनों के परिचालन से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
वहीं हिलसा रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म बेहद नीचा है, जिसके कारण महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को ट्रेन में चढ़ने-उतरने में खासी परेशानी होती है। यहाँ तक कि दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इसके अलावा स्टेशन पर ओवर ब्रिज का अभाव यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या है। कई बार ट्रेनें ट्रैक पर घंटों खड़ी रहती हैं। जिसके चलते लोग जान जोखिम में डालकर ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार करने को मजबूर होते हैं। संगठन का कहना है कि यदि ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण हो जाए तो यह पुरानी समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।
हिलसा रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं में शौचालय की स्थिति भी चिंताजनक है। जो शौचालय मौजूद है, वहाँ गंदगी का अंबार लगा रहता है। जिसके कारण लोग इसका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। यात्रियों का कहना है कि स्वच्छ और उपयोगी शौचालय की व्यवस्था न होने से खासकर लंबी यात्रा करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दैनिक यात्री संघ से जुड़े लोगों ने बताया कि इस मुद्दे पर पहले भी रेल अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया जा चुका है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस हस्ताक्षर अभियान के जरिए संगठन उम्मीद कर रहा है कि उनकी माँगें अब गंभीरता से सुनी जाएँगी और हिलसा रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का विस्तार होगा।
- दो दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरुम है हिलसा रेलवे स्टेशन !
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