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राजगीर के सभी चौक-चौराहों से CCTV कैमरा गायब, CM ने किया था उद्घाटन

राजगीर (नालंदा दर्पण)। इन दिनों प्रकृति, संस्कृति और धरोहरों की धरती राजगीर नगर परिषद क्षेत्र के किसी भी वार्ड में कहीं भी सीसीटीवी कैमरा सार्वजनिक स्थलों पर लगा हुए नहीं है।

तत्कालीन डीएम डॉ. त्यागराजन एम एस के आदेश पर 2017 में राजगीर नगर परिषद क्षेत्र के सभी चौक चौराहों और महत्वपूर्ण स्थलों पर एम ऐडकम कंपनी द्वारा 36 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था।

इसका उपयोग शहर में किसी घटना, दुर्घटना, अपराधिक घटनाओं आदि की शिनाख्त करने में पुलिस प्रशासन द्वारा किया जाता रहा है। सभी सीसीटीवी कैमरे का नियंत्रण डीएसपी कार्यालय के बगल के कमरे में होता था।

इसका खुलासा तब हुआ, जब शहर के एक रिटायर व्यक्ति डॉ लालजी प्रसाद सिंह के गुमशुदगी का पता करने के लिए अनुमंडल के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज देखने की जरूरत पड़ी।

राजगीर के पटेल चौक, गिरियक रोड चौराहा, देवी स्थान, मेन बाजार, कुण्ड क्षेत्र, वीरायतन मोड़ आदि जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। तब शहर में किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना होने पर और अपराधिक घटना होने पर पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज देखकर अपराधियों की पहचान की जाती थी।

वर्ष 2017 में शहर के विभिन्न स्थानों लगाये गये सीसीटीवी कैमरे अब तीन साल से नहीं है। उन सभी सीसीटीवी कैमरे को खोलवा दिया गया है।

इस संबंध में एम ऐडकम कंपनी के संचालक विनोद कुमार बताते हैं कि आरंभिक काल से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जफर इकबाल द्वारा सीसीटीवी कैमरे का शुल्क मांग की जाने लगा। कंपनी द्वारा 68 रुपये के हिसाब से शुल्क तय करने का अनुरोध किया गया था। लेकिन नगर परिषद द्वारा प्रति कैमरा 172 रुपये की मांग की जा रही है।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बोधगया नगर परिषद और बिहारशरीफ नगर निगम में लग रहे दर तय करने का नगर परिषद से अनुरोध किया गया था। लेकिन नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जफर इकबाल द्वारा मुंबई का किराया तय किया गया। इसीलिए उनके द्वारा लगाये गये सभी सीसीटीवी कैमरे को खोल लिया गया है।

उधर नगर परिषद सूत्रों के अनुसार उक्त कंपनी द्वारा नगर परिषद को शुल्क नहीं दिया जाता था। 2017 से ही शुल्क बकाया था। आउटसोर्सिंग की जगह अब खुद नगर परिषद द्वारा शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे।

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