बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय ने भूमि विवाद को लेकर की गयी भतीजा की हत्या मामले में चाचा और बहनोई को दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनायी है। साथ ही दोनों आरोपित पर 50- 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतना होगा।
बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के एडीजे-5 संजय सिंह ने हरनौत थाना क्षेत्र अंतर्गत हिरदन बिगहा गांव निवासी अर्जुन प्रसाद और उसके दामाद सोनू कुमार को हत्या के अलावा शस्त्र अधिनियम में भी दोषी पाते हुए अर्जुन को पांच साल और दामाद सोनू को तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनायी है।
इसके अलावा दोनों आरोपित पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वही साक्ष्य के अभाव में अर्जुन प्रसाद की पत्नी नीलम देवी एवं बेटी खुशबू कुमारी को रिहा कर दिया गया।
इस मामले में अभियोजन ने 10 लोगों की गवाही करायी थी। अभियोजन की ओर से एपीपी सुनील कुमार सिंह एवं सूचिका की ओर से वकील रंजीत मोहन ने अदालत में बहस की।
सूचिका के अधिवक्ता रंजीत मोहन ने बताया कि मृतक तरुण कुमार आरोपित अर्जुन प्रसाद का सगा भतीजा था। दोनों के बीच जमीन का विवाद था। तरुण 26 फरवरी 2019 को शाम साढ़े पांच बजे अपने घर स्थित मिल में पत्नी चंद्रप्रभा सिन्हा के साथ मिलकर धान की कुटाई कर रहा था।
उसी दौरान सभी आरोपित आए और पीछे से सोनू कुमार ने तरुण कुमार के दोनों हाथ पकड़ लिया। वहीं आरोपित अर्जुन प्रसाद अपने कमर से पिस्तौल निकाला और तरुण के सीने में गोली मार दी। जिससे वह जख्मी होकर वहीं गिर गया।
उसके बाद परिजन जख्मी को पीएमसीएच ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि पति की मृत्यु का सदमा सूचिका ज्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं कर सकी और कोर्ट में गवाही दिये जाने के कुछ ही दिनों बाद उसकी भी मौत हो गई।
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