नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) केके पाठक ने कुलाधिपति यानि राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कड़ी चेतावनी दी है कि शिक्षा विभाग की संदर्भित कार्यवाही में किसी तरह के हस्तक्षेप करने से परहेज करना करें।
एसीएस (अपर मुख्य सचिव) ने आगे लिखा है कि राज्यपाल की उच्च संवैधानिक स्थिति को देखते हुए यह अधिक उपयुक्त होता कि उच्च शिक्षा संबंधी मामलों को शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की बजाय सीधे शिक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाता।
पैदा न करें विद्रोह और अराजकता की भावनाः उन्होंने साफ किया है कि राज्यपाल के प्रधान सचिव कुलाधिपति के निर्देशों से अवगत करा रहे हैं, तो कुलाधिपति की तरफ से शिक्षा विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करना गंभीर और आपत्तिजनक है। कुलाधिपति, विवि के पदाधिकारियों में विद्रोह और अराजकता की भावना पैदा नहीं कर सकते।
चांसलर नहीं दे सकते शिक्षा विभाग को निर्देशः केके पाठक ने प्रधान सचिव चोंग्थ को याद दिलाया कि आपने अपने एक संदर्भित पत्र में बताया है कि बिहार विवि अधिनियम 1976 के तहत कुलाधिपति को विवि के शैक्षणिक/ प्रशासनिक हित में निर्देश जारी करने का अधिकार है।
यह ध्यान देने योग्य है कि यह अधिनियम चांसलर को विवि के अधिकारियों के बीच विद्रोही व्यवहार को भड़काने और अराजकता पैदा करने की अनुमति नहीं देता है। कुलाधिपति अधिकारियों को विभाग की अवहेलना करने के लिए कहकर अपने अधिकार से आगे नहीं बढ़ सकते।
एसीएस ने याद दिलाया है कि बिहार राज्य विवि अधिनियम की धारा 7 के तहत चांसलर विवि के एक अधिकारी हैं। इसलिए वे इस विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं।
वीसी कुलाधिपति से क्यों लें अनुमतिः एसीएस ने राजभवन के प्रधान सचिव को लिखा है कि खुद आपने स्वीकार किया कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को इस विभाग द्वारा बुलाई बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी। यह स्पष्ट किया जाए कि किस नियम के तहत कुलपति को किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए कुलाधिपति की अनुमति लेनी होती है। यह बताएं कि किस नियम के तहत कुलाधिपति ने ऐसी अनुमति देने से इनकार कर दिया।
केके पाठक ने लिखा कि राजभवन की तरफ से एक पत्र में प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गयी है। उन्होंने लिखा कि आप शिक्षा विभाग को यह बताना चाहेंगे कि कानून के किन प्रावधानों के तहत कुलाधिपति कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का हकदार है।
क्या है मामलाः दरअसल, शिक्षा विभाग और राजभवन इन दिनों आमने सामने हैं। दरअसल शिक्षा विभाग हाल में आधी दर्जन मीटिंग बुलायी। जिसमें कुलपति नहीं आये। नाराज शिक्षा विभाग ने कुलपतियों और विवि के सभी खातों को फ्रीज कर दिया। इस बीच राजभवन ने शिक्षा विभाग को एक पत्र लिखकर उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाये। इस बीच राज्यपाल की मौजूदगी में राजभवन में एक बैठक हुई।
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