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चंडी चुंगी विवाद: बस चालकों ने रोका परिचालन, यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें

हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार के नालंदा जिले के चंडी नगर पंचायत क्षेत्र में टोल टैक्स (चुंगी) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। चंडी चुंगी से नाराज बस चालकों ने चंडी बाजार से गुजरने वाली बसों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया है। अब सभी बसें बाइपास स्थित फोर लेन एसएच-78 के रास्ते बिहारशरीफ से पटना, पटना से बिहारशरीफ और नवादा की ओर जा रही हैं। इस फैसले से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

हाल ही में चंडी नगर पंचायत में सरकार द्वारा सैरात की बंदोबस्ती की गई थी। इसके तहत अप्रैल से बसों और ट्रकों से चुंगी वसूली शुरू हुई है। इस नई व्यवस्था का विरोध करते हुए बस चालकों ने पहले भी कई बार जैतीपुर चौराहे को जाम कर प्रदर्शन किया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद परिचालन शुरू तो हुआ। लेकिन चालकों का असंतोष कम नहीं हुआ।

बस चालकों का कहना है कि वे पहले से ही पटना और बिहारशरीफ के बीच बस स्टैंड पर टैक्स देते हैं। अब चंडी नगर पंचायत में भी टोल टैक्स देना पड़ रहा है। एक बस चालक ने गुस्से में कहा कि हर जगह टोल टैक्स देते रहेंगे तो हमारे पास बचेगा क्या? इसलिए हम मजबूरी में बसों को फोर लेन से ले जा रहे हैं।

वहीं बसों के चंडी बाजार से न गुजरने के कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। बिहारशरीफ, नवादा या पटना से आने वाली बसें अब माधोपुर के पास से बाइपास की ओर मुड़ जाती हैं। जबकि बिहारशरीफ से पटना जाने वाली बसें गौड़ापर के पास से बाइपास पर चली जाती हैं। इससे चंडी बाजार के लोग बस पकड़ने के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलकर बाइपास तक जाने को मजबूर हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह व्यवस्था उनके लिए बेहद असुविधाजनक है। एक यात्री ने शिकायत करते हुए कहा कि बस बाजार से नहीं गुजर रही है। ऊपर से पैदल बाइपास तक जाना पड़ रहा है। यह हमारे लिए बहुत बड़ी समस्या बन गई है।

चंडी नगर पंचायत क्षेत्र में स्थिति को और जटिल बनाने वाली बात यह है कि यहां कहीं भी बस, टेंपो, टमटम या अन्य वाहनों के लिए कोई तयशुदा पड़ाव नहीं है। पड़ाव के अभाव में वाहनों को सड़क पर ही रुकना पड़ता है। जिससे आने-जाने वालों को जाम और अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत को इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, ताकि यात्रियों और चालकों दोनों को राहत मिल सके।

चंडी बाजार के लोग इस स्थिति से काफी खफा हैं। उनका कहना है कि टोल टैक्स और बस परिचालन बंद होने से न सिर्फ उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि बाजार की आर्थिक गतिविधियां भी ठप हो रही हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि टोल टैक्स की व्यवस्था पर पुनर्विचार किया जाए और बस पड़ाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

बहरहाल, इस घटनाक्रम ने चंडी नगर पंचायत में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। बस चालकों और प्रशासन के बीच बढ़ता यह विवाद कब तक सुलझेगा और यात्रियों को कब राहत मिलेगी, यह देखना बाकी है।

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