नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। बंगाल की खाड़ी से उठे दाना तूफान (Cyclone Dana) के कुप्रभाव पूरे नालंदा जिला समेत नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। हल्की बारिश और तेज हवाओं के झोंकों ने किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसल गिर गई है। इससे किसानों का कलेजा मुंह को आ गया है। उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फिरने का खतरा मंडरा रहा है।
नगरनौसा प्रखंड किसान सलाहकार समिति सदस्य जितेन्द्र प्रसाद ने बताया कि इस अप्रत्याशित मौसम से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। विशेष रूप से धान और सब्जियों की खेती पर इसका सबसे बुरा असर हुआ है।
धान की फसल के गिरने से उत्पादन में भारी गिरावट की संभावना है और किसानों को चिंता है कि इस स्थिति में फसल में ‘खखरी’ की समस्या (धान का दाना खाली रहना) और बढ़ सकती है। इससे फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
किसानों का कहना है कि वे पहले से ही मौसम की मार झेल रहे थे और अब इस तूफान ने उनकी आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर दिया है। सब्जी एवं फलों की फसलों पर भी इस तूफान का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
किसानों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि वे इस आपदा की स्थिति का जायजा लें और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। ताकि वे इस संकट से उबर सकें।
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