
राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के राजगीर जू सफारी में जल्द ही भारत का चौथा शेर प्रजनन केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 20.54 हेक्टेयर में फैले इस जू सफारी के भीतर ही यह विशेष प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा, जो शेरों के संरक्षण और प्रजनन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
राजगीर का प्राकृतिक वातावरण शेरों के प्रजनन के लिए अत्यंत अनुकूल है। यहां शावकों का सर्वाइवल रेट 100 प्रतिशत है, जो इस क्षेत्र की अनुकूलता को दर्शाता है। वर्ष 2024-25 में जन्मे सभी शावक पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित हैं, जो इस प्रजनन केंद्र की सफलता का प्रमाण है।
पिछले तीन वर्षों में राजगीर जू सफारी में शेरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2022 में गुजरात के गिर वन से लाए गए 5 बब्बर शेरों की संख्या अब बढ़कर 11 हो गई है। इस दौरान 7 शावकों ने जन्म लिया, जो सभी स्वस्थ हैं। यह उपलब्धि राजगीर जू सफारी के प्राकृतिक और वैज्ञानिक प्रबंधन का परिणाम है।
राजगीर जू सफारी का प्राकृतिक वातावरण शेरों के प्रजनन के लिए आदर्श माना जाता है। यहां घने जंगल, जल स्रोत और शांत वातावरण शेरों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करते हैं।
इसके अतिरिक्त जू प्रशासन द्वारा वैज्ञानिक तकनीकों और विशेषज्ञों की देखरेख में शेरों की देखभाल की जा रही है। प्रजनन केंद्र की स्थापना से न केवल शेरों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि यह जैव-विविधता संरक्षण के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इस प्रजनन केंद्र की स्थापना से नालंदा और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। राजगीर जू सफारी पहले ही पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है और शेर प्रजनन केंद्र के शुरू होने से यहां पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। स्थानीय समुदाय के लिए यह रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगा।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रजनन केंद्र के लिए आधारभूत ढांचे का विकास शुरू हो चुका है। केंद्र में शेरों के लिए विशेष बाड़े, चिकित्सा सुविधाएं और निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। साथ ही शेरों के आनुवंशिक विविधता को बनाए रखने के लिए अन्य प्रजातियों के शेरों को भी शामिल करने की योजना है।