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    Saturday, September 7, 2024
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      Lohia Swachh Bihar Abhiyan: वर्ष 2024-25 तक नालंदा के सभी गांवों को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय (Lohia Swachh Bihar Abhiyan) के सभागार में डीडीसी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के तहत संचालित कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की। जिसमें सभी बीडीओ समेत जिला विकास अभिकरण के अधिकारी, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान और स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी शामिल हुए।

      बैठक में बताया गया कि जिले के सभी गावों को वर्ष 2024-25 तक संपूर्ण स्वच्छ (ओडीएफ प्सल) बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। ओडीएफ प्लास मॉडल बनाने एवं ग्राम पंचायत, समुदाय द्वारा इसकी उद्घोषणा के क्रमशः तीन चरण आकांक्षी, उभरता और मॉडल है। इसके निमित 22- 26 जुलाई 2024 के दौरान ग्राम पंचायतों ग्राम सभा का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया।

      फिलहाल जिले में कुल आठ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई संचालित है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई से ग्राम पंचायत के अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई को टैग कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में योग्य लाभुको को निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों का प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद जियो टैग तथा आधार अपडेशन कराते हुए प्रोत्साहन राशि का भुगतान कराने का निर्देश दिया गया।

      आधार में कोई त्रुटि होने पर कार्यपालक सहायकों को निर्देश दिया गया कि लाभुकों से सम्पर्क कर त्रुटि का निराकरण कराते हुए आधार अपडेशन कराना सुनिश्चित करेंगे। आम आदमी द्वारा ऑन लाइन आवेदन के माध्यम से व्यक्तिगत शौचालय का प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए प्राप्त आवदेन सहित शौचालय का भौतिक सत्यापन उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान कराने का निर्देश दिया गया।

      ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत ग्राम पंचायतों में संचालित हर घर तथा सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान सहित सार्वजनिक स्थल से कचरा उठाव सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।

      जिले में 159 अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। 63 अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कार्य प्रगति पर है। तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायतों में सामुदायिक सोख्ता गढ्ढा, नाली आऊट लेट, जंक्शन चेम्बर का निर्माण किया जाना है।

      उपरोक्त परिसम्पतियों के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल का चयन की सूची जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला समन्वयक, जिला सलाहकार, प्रखंड समन्वयक तथा कार्यपालक सहायक आदि मौजूद थे।

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