चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी थाना अंतर्गत नगरनौसा प्रखंड के रामपुर गांव में पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दलित समुदाय का आरोप है कि स्थानीय प्रतिनिधि और प्रशासन की मिलीभगत से उनकी धार्मिक आस्था और सामाजिक महत्व की भूमि पर जबरन निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस विवादित भूमि पर बाबा चौहरमल की प्रतिमा स्थापित है। जो लोगों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है। इस स्थल पर हर साल भव्य मेला का आयोजन होता है। जिसमें दूर-दराज से काफी लोग आते हैं। यह स्थान गांव के बच्चों के लिए खेलकूद का भी एकमात्र स्थल है।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर एक आस्था की भूमि को लक्षित कर रहा है। इस पर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि विवादित भूमि गैर मजरुआ है। इस कारण अतिक्रमण हटाया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों का तर्क है कि मात्र कुछ दूरी पर 10 कट्ठा सरकारी जमीन खाली पड़ी है। जहां यह पंचायत सरकार भवन आसानी से बनाया जा सकता है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि स्थानीय प्रशासन ने उपलब्ध सरकारी भूमि की अनदेखी की है। यह कार्रवाई दलित समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण है और उनकी भावनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों और प्रशासन से अपील की है कि मेला वाले स्थल को छोड़कर अन्य खाली भूमि पर पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाए। ताकि वर्षों से जो परंपरा चली आ रही है, उसका भी निर्वहन हो सके और पंचायत सरकार भवन भी बनाया जा सके।
फिलहाल इस विवाद ने न केवल स्थानीय दलित समुदाय में आक्रोश पैदा कर रखा है, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई बहस भी छेड़ दी है कि कैसे विकास कार्यों के नाम पर समुदायों की धार्मिक भावनाओं और परंपराओं का उल्लंघन किया जा रहा है।
इस मामले में स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई और लोगों की भावनाओं के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीणों की चेतावनी है कि यदि उनकी भावनाओं को नजरअंदाज किया गया तो वे मजबूरन विरोध के कठोर कदम उठाने विवश हो जाएंगे।
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