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    Monday, February 17, 2025
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      नालंदा DDC ने 26 पंचायत सचिवों का वेतन रोका, जानें बड़ी वजह

      नालंदा DDC की यह बड़ी कार्रवाई जिले में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्पष्ट संदेश है कि विकास कार्यों में ढिलाई को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा…

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित समाहरणालय में जिला विकास आयुक्त (डीडीसी) श्रीकांत कुंडलित खांडेकर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

      इस बैठक में जिला पंचायत राज, डीआरडीए और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड स्तर पर चल रही योजनाओं का आकलन किया गया। समीक्षा में कई खामियां उजागर होने के बाद 26 पंचायत सचिवों का वेतन रोकने का कड़ा निर्णय लिया गया है।

      इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न योजनाओं, जैसे- स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की प्रगति का मूल्यांकन करना था। डीडीसी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और पंचायत सचिवों को निर्देश दिया कि योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाए और लाभुकों को समय पर लाभ प्रदान किया जाए।

      प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण: प्रतीक्षा सूची से छूटे योग्य लाभुकों के लिए पुनः सर्वेक्षण कार्य 10 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो चुका है, जो 31 मार्च 2025 तक जारी रहेगा। 230 पंचायतों में यह सर्वेक्षण कार्य हो रहा है। डीडीसी ने इसे समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।

      व्यक्तिगत शौचालय निर्माण: पात्र लाभुकों द्वारा शौचालय निर्माण के बाद प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए आवेदन का भौतिक सत्यापन तेज करने का आदेश दिया गया।

      अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई: निर्माणाधीन इकाइयों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए इसे शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।

      आवेदन लंबित रहने पर कार्रवाई: सिटीजन पोर्टल पर 90 दिनों से अधिक समय से लंबित आवेदनों को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि भौतिक सत्यापन के बाद शीघ्र कार्रवाई की जाए।

      समीक्षा बैठक के दौरान पाया गया कि कुछ पंचायत सचिव योजनाओं के कार्यान्वयन में लापरवाही बरत रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप 26 पंचायत सचिवों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। इन पर कार्य में शिथिलता और अनियमितता का आरोप है। वेतन रोके गए पंचायत सचिवों में शामिल हैं-

      गिरियक प्रखंड: चोरसुआ, गाजीपुर पंचायत।

      हरनौत प्रखंड: गोनावा, बसियावों, पाकड़ पंचायत।

      हिलसा प्रखंड: अकबरपुर पंचायत।

      इसलामपुर प्रखंड: महमूदा, पनहर, धूपडीहा, सकरी पंचायत।

      नूरसराय प्रखंड: दरूआरा, मुजफ्फरा, पपरनौसा, मेयार, अंधना पंचायत।

      रहुई प्रखंड: सुपासंग, दोसूत, इमामगंज, मईफरीदा, उतरनामा पंचायत।

      राजगीर प्रखंड: गोरौर पंचायत।

      थरथरी प्रखंड: कचहरिया, जैतपुर अमेरा पंचायत।

      डीडीसी ने पंचायत सचिवों को कड़ी फटकार लगाते हुए यह भी स्पष्ट किया कि पंचायत सचिवों की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यों में सुधार नहीं होने पर आगे और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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