“शिक्षक समाज सुधार और चरित्र निर्माण का माध्यम माने जाते हैं। ऐसे में सुरेश सहनी जैसे शिक्षक का यह कृत्य आत्मचिंतन को मजबूर करता है। सवाल है कि क्या बिहार शिक्षा विभाग की कार्रवाई इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त होगी या मिड-डे मील जैसी योजनाओं की...