चौकीदार को पानी में डुबोकर मार डाला, 13 साल पहले उसके पिता की भी हुई थी हत्या

नालंदा दर्पण डेस्क। बीते कल सरमेरा-बिहटा पथ पर ड्यूटी करने  घर से निकले चौकीदार की आज एक पइन से शव वरामद होते ही पूरे सरमेरा इलाके में सनसनी फैल गई है।

परनावा गांव निवासी चौकीदार लाल बहादुर पासवान का शव मिलने के बाद उग्र स्वजन और गांव वालों ने हत्यारों का पता कर तत्काल गिरफ्तारी तथा मुआवजे व नौकरी की मांग को लेकर बिहटा-सरमेरा रोड को परनावा गांव के सामने जाम कर दिया।

परिजनों का आरोप है कि अनुसार को अपराधियों ने पइन में डुबोकर मार डाला है। चौकीदार के सारे कपड़े पइन किनारे रखे थे। शरीर पर चोट के निशान भी हैं।

उधर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए उसे पोस्टपार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया है। पुलिस के अनुसार चौकीदार की मौत के कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

मृतक की पत्नी सरस्वती देवी के अनुसार लाल बहादुर पासवान गुरुवार की शाम वह घर से रोज की तरह उच्च विद्यालय गोपालबाद परनावा के समीप सरमेरा-बिहटा पथ पर ड्यूटी करने गए थे।

देर रात तक घर नहीं लौटे तो उन्हें कॉल किया गया, परंतु मोबाइल बंद था। फिर उनकी खोजबीन शुरू की गई। रात होने के कारण उनका पता नहीं लग पाया। सुबह में गांव के बगल पईन में शव उपलाता मिला।

पत्‍नी का आरोप है कि बदमाशों ने चौकीदार को अगवा कर पानी में डुबोकर मार डाला है। हालांकि उसने अभी किसी का नाम नहीं लिया है।

ग्रामीणों के अनुसार चौकीदार लाल बहादुर पासवान के पिता प्रगास पासवान को भी 13 साल पहले 2008 में बदमाशों ने ड्यूटी के दौरान पीट-पीट कर गंभीर जख्मी कर दिया था। उनकी इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पुत्र लालबहादुर को अनुकंपा के आधार पर चौकीदार की नौकरी मिली थी।

पत्नी महा देवी के अनुसार वर्ष 2008 में चौकीदार प्रगास पासवान भी इसी तरह घर से ड्यूटी के लिए निकले थे। फिर घर नहीं लौटे थे। बदमाशों ने उनका अपहरण कर बुरी तरह पिटाई कर दी थी और वे गंभीर जख्मी हालत में वे मिले थे।  ईलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

उन्होंने कहा कि आज फिर वही कहानी दोहरा दी गई है। याद नहीं है कि पति की हत्या के बाद पुलिस इस मामले में किसी को गिरफ्तार कर सकी थी या नहीं। वर्तमान सरमेरा थानाध्यक्ष ने भी इस संदर्भ में अनभिज्ञता प्रकट की।

 

 

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