बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नए वित्तीय वर्ष में जिले के 20 अस्पतालों का कायाकल्प (PHC upgradation) करने की योजना बनाई जा रही है। इन अस्पतालों को अपग्रेड करने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। इस अपग्रेडेशन में जमीन की उपलब्धता हीं मुख्य बाधा बनी हुई है।
नालंदा जिले के सभी 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में छः ऐसे पीएचसी है जिनके पास भूमि हीं नहीं है। वहीं छः ऐसे पीएचसी भी है, जिनके पास भूमि है, लेकिन अपग्रेडेशन के लिए वह पर्याप्त नहीं है। वहीं 8 ऐसे पीएचसी भी है, जहां के लिए चिन्हित जमीन पर या तो अतिक्रमण का विवाद है या फिर रास्ते का विवाद है।
अब गांवों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया जा रहा है, जहां रोगियों को सभी तरह की चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित सीओ से जमीन चिह्नित कर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
नगरनौसा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बनाने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। लेकिन वहां तक जाने के लिए रास्ता ही नहीं है। जबकि, बेन सीएचसी बनाने के लिए अब तक जमीन ही नहीं मिली है।
थरथरी सीएचसी के लिए उपलब्ध जमीन पर विवाद है। गिरियक के सतौआ गांव में उपलब्ध जमीन पर अतिक्रमण है। वहीं इस्लामपुर के बेशवक में चयनित जमीन पर अस्पताल भवन बनाने में स्थानीय लोग बाधा पहुंचा रहे हैं।
अपग्रेड करने के लिए चयनित अस्पतालों में बेन सीएचसी, बेन का जाफरा उपकेंद्र, चंडी का महकार एपीएचसी, परबलपुर का दरियापुर उपकेंद्र एकंगरसराय का अतरामचक महानंदपुर उपकेंद्र तथा परबलपुर के अलावां उपकेंद्र के लिए चयनित आरोग्य केन्द्र आयुष्मान भारत उपकेंद्र तथा रहुई के मिर्जापुर उपकेंद्र में निर्माण कार्य के लिए भूमि हीं उपलब्ध नहीं है।
वहीं रहुई के मुर्गियाचक तथा बरांदी उपकेंद्र, सिलाव के मनियावां उपकेंद्र, हरनौत के पोआरी एवं तेलमर उपकेंद्र, परबलपुर के सीता बिगहा उपकेंद्र में भूमि तो है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। इसी प्रकार थरथरी सीएचसी, बिहारशरीफ के भूमि में अतिक्रमण का विवाद है।
वहीं गिरियक के सतौआ उपकेंद्र तथा इस्लामपुर के बेशवक उपकेंद्र में स्थानीय समस्याओं के कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहा है। इसके अलावे नगरनौसा सीएचसी, परबलपुर का सिनावां उपकेंद्र तथा नूरसराय का मिरचाईगंज उपकेंद्र के लिए उपलब्ध जमीन तक जाने के लिए रास्ता हीं नहीं है।
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