“इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बख्तियारपुर-राजगीर रेलखंड पर एक सुनसान गांव के पास बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस के आधा घंटा तक बेवजह संदिग्ध हालत में खड़े रहने के मामले में रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) ने जांच शुरू कर दी है और पांच लोगों से पूछताछ की है।
सूत्रों के अनुसार असामाजिक तत्वों द्वारा रेलवे ट्रैक के सिग्नल को लाल कर ट्रेन को रोका गया था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पतुआना रेलवे ट्रैक के प्वाइंट के बीच छेड़छाड़ की गई। जिससे ट्रेन को रोका गया। हालांकि इस संबंध में रेलवे के वरीय अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं।
आरपीएफ इंस्पेक्टर के अनुसार रेलवे से लिखित सूचना मिली कि घटना के दौरान किसी ने प्वाइंट को प्रभावित किया था। बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन मास्टर ने चालक को निर्देश देकर ट्रेन को बिहारशरीफ स्टेशन तक पहुंचाया। इस मामले में एक संयुक्त आदेश (ज्वाइंट ऑर्डर) जारी किया गया है और जांच गंभीरता से चल रही है।
हालांकि रेलवे ट्रैक के सिग्नल को स्टेशन मास्टर के कंट्रोल कक्ष से नियंत्रित किया जाता है। घटना के समय सिग्नल ग्रीन कर दिया गया था। जो ट्रेन के पहुंचने से पहले किया जाता है। जांच में किसी तकनीकी विशेषज्ञ के शामिल होने का शक जताया गया है।
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