बेन (नालंदा दर्पण)। कोरोना संक्रमण को लेकर चिकित्सा विभाग ने सभी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड लगाने का निर्देश जारी किया था, लेकिन एक्सारा पंचायत के सैदपुर में सुविधाओं से सुसज्जित 6 बेड का बना अस्पताल चिकित्सकों के अभाव का रोना रो रहा है।
यहाँ चिकित्सको के रहने के लिये सुंदर सा आवास भी बनाया गया है। फिर भी सप्ताह में दो दिन ही चिकित्सक मरीजों की सेवा में रहते हैं। बाकी दिन यहाँ कोई नजर नहीं आता है। हालांकि इस अस्पताल परिसर में ग्रामीण किसानों का बल्ले बल्ले है, जो खलिहान के रूप में उपयोग करते है।
पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह का अस्पताल प्रखंड मुख्यालय में भी नही है। फिर भी एक्सारा पंचायत के मरीजों को इलाज के लिए बेन ही जाना पड़ता है। बन्द रहने के कारण ही ग्रामीण खलिहान का उपयोग करते है।
यह चिकित्सा प्रभारी की लापरवाही है। सिर्फ इस अस्पताल में कर्मचारी कोरम पूरा करने के लिए आते है। ग्रामीणों को सुंदर भवन ही देखकर संतोष करना पड़ता है, जबकि यहाँ दो चिकित्सक एवं एक नर्स नियुक्त है।
चिकित्सा प्रभारी सतीश कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर चिकित्सक इधर उधर व्यस्त हो जाते है। इसलिए सैदपुर अस्पताल में समय नहीं दे पाते।
हालांकि कोरोना भी यहाँ के कई कर्मचारियों को अभी राहत दे रहा है, जिससे वे अपनी नाकामी को छिपाने से बाज नहीं आते हैं।