चंडी (नालंदा दर्पण )। चंडी प्रखंड में पिछले कई महीनों से बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है। बिजली की आंखमिचौली से लोग परेशान हो चुके हैं। कभी लोकल फाल्ट,तो कभी मेंटनेंस के नाम पर तो हल्की-फुल्की बारिश और हवा के नाम पर क्षेत्र की बिजली घंटों बाधित रहती है।
इन दिनों तो विभाग घरों में मीटर लगाने के नाम पर पूरे इलाके की बिजली गुल कर दे रहीं हैं। बिजली विभाग की मनमानी से लोग आजिज आ चुके हैं तो वही विभाग के अधिकारी न फोन उठाते हैं और न कोई जबाव देने का जहमत उठाते हैं।
वैसे भी बिजली विभाग के दोनों अधिकारी अपने आप को सुशील मोदी के रिश्तेदार बताकर धौंस दिखाते हैं।अपने राजनीतिक प्रभाव उपभोक्ताओं पर दिखाते हैं।
चंडी प्रखंड में मनमानी बिजली गुल से नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों तक के लोग भी परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज कई बार बिजली बंद हो रही है।
कभी कभी रात में अचानक ही बिजली गुल हो जाती है। इसके बाद लोग घरों से बाहर निकलकर बिजली आने का इंतजार करते रहते हैं।
काफी देर इंतजार करने के बाद बिजली आती है, इसके बाद फिर गुल हो जाती है। मौसम में उमस होने से यह परेशानी और भी ज्यादा भयावह होने लगी है।
बिजली की इस आंख मिचौली से रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतरने लगी है, लेकिन बिजली विभाग इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने को गंभीर नहीं है न ही विभाग कर्मचारी व अधिकारी इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
बिना किसी पूर्व सूचना के मेंटनेंस के नाम पर बिजली बंद करने वाले अब बिजली पहुंचाने में असक्षम नजर आ रहे। बिजली विभाग में शिकायत करने के लिए फोन लगाया जाता है तो वहां फोन ही नहीं लगता।
जाने अनजाने में कभी फोन लग भी जाए तो बिजली विभाग के कर्मचारी संतोषजनक उत्तर देने की बजाय जल्द बिजली आएगी कहकर फोन काट देते हैं।
विभाग की लचर व्यवस्था से लोगों को सही तरीके से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। विभाग की इस अव्यवस्था से आमजन परेशान हैं।
वहीं लोगों का कहना है कि प्रखंड में बिजली मीटर लगाने के नाम पर भी घंटों बिजली काटी जाती है। जबकि कायदे से उसी इलाके की बिजली कटनी चाहिए जिधर मीटर लगाया जाता है। लेकिन मीटर और अन्य मेंटनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती की जाती है।
स्थानीय समाजसेवी प्रवीण कुमार सुमन ने बताया कि बिजली विभाग के इस रवैए के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। दो-तीन दिन के अंदर विभाग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। जिसमें बिजली विभाग के अकर्मण्य पदाधिकारियों के तबादले को भी लेकर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
श्री सुमन ने कहा कि चंडी प्रखंड में अघोषित बिजली कटौती ने नाक में दम कर रखा है। यहाँ जिला मुख्यालय और हरनौत से भी बिजली आपूर्ति की जाती है, इसके बाबजूद क्षेत्र को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाता है। मिलता भी है तो दिन में कई घंटे बिजली गुल रहती है।
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