“सीओ को खबर की गई तो उन्होंने ड्राइवर नहीं होने का बहाना बनाकर मौके पर पहुंचने में असमर्थ जताई थी, वहीं नाजिर अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर कार्यालय से फरार थे…”
नालंदा दर्पण। विगत 30 अप्रैल को हिलसा शहर में एक स्कूली बच्ची की सड़क हादसे में हुई दर्दनाक मौत के बाद मचे भारी बवाल के मामले में मुआवजा देने में देरी करने वाले हिलसा सीओ व उनके नाजिर पर कार्रवाई की गयी है।
नालंदा डीएम योगेन्द्र सिंह के आदेश पर हिलसा के अनुमंडल पदधिकारी ने सीओ अखिलेश प्रसाद शर्मा एवं नाजिर से स्पष्टीकरण पूछते हुए जवाब तलब किया है।
विदित हो कि 2 दिन पहले हिलसा के खाकी चौक के पास अनियंत्रित ट्रैक्टर ने स्कूल पढ़ने जा रही तीन सगी बहनों को कुचल दिया था। जिसमें एक की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि दो बुरी तरह से जख्मी हुई थी।
इसके बाद आक्रोशित लोग रोड जाम कर थाने का घेराव करते हुए भारी पथराव किया था, जिसमें दर्जनों राहगीर जख्मी हुए थे।
बवालियों ने पुलिस बल को खदेड़ते हुए आगजनी कर रेल व सड़क परिचालन को भी कई घंटों तक बाधित रखा था।
इस बीच जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी मुआवजे की राशि भुगतान करने के लिए सीओ एवं नाजिर की खोज खबर ली, ताकि मुआवजे की राशि पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराकर विधि व्यवस्था को ठीक किया जाए।
लेकिन नाजिर अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर कार्यालय से फरार थे। वहीं सीओ को खबर की गई तो उन्होंने ड्राइवर नहीं होने का बहाना बनाकर मौके पर पहुंचने में असमर्थ जताई थी।
काफी मशक्कत के बाद सीईओ एवं नाजीर को खोज कर डीसीएलआर अनिल कुमार सिन्हा की मौजूदगी में हिलसा के सीईओ अखिलेश शर्मा ने मृतक के पिता विनय कुमार को चार लाख बीस हजार का चेक प्रदान किया।
मौके पर मौजूद डीएसपी मुत्तफिक अहमद ने हिलसा शहर से गुजरने वाले वाहनों की गति को नियंत्रित करने का भरोसा लोगों को दिया था। तब जाकर बेकाबू भीड़ शांत हुई थी।
नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हिलसा एसडीओ को दोनों सरकारी कार्रवाई करने का आदेश दिया।
बिस्कुरवा गांव निवासी विनय कुमार की पुत्री निशु कुमारी अंशु कुमारी एवं रिशु कुमारी हिलसा स्थित मिडिल स्कूल पढ़ने जा रही थी। इस दौरान खाकी चौक के समीप ट्रैक्टर ने तीनों सगी बहनों को कुचल दिया।
इस घटना में 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि अंशु व रिशु बुरी तरह से जख्मी हो गई। दोनों को हिलसा के अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मौके पर पहुंचे हिलसा डीएसपी मुतफ्फिक अहमद, थाना प्रभारी प्रेम राज चौहान, बीडीओ राजदेव रजक एवं अन्य अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को अभिलंब सहायता राशि पहुंचाने के लिए सीओ एवं नाजीर की खोज खबर ली तो उनका कोई अता पता नहीं चला था।