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जर्जर सड़क को लेकर भड़के दर्जनों गांव के ग्रामीण, चुनाव में देंगे वोट की चोट

“इस समस्या पर स्थानीय हरनौत विधायक हरिनारायण सिंह की बहानेबाजी है कि आदर्श आचार संहिता के कारण सड़क निर्माण नहीं हो रहा है। टेंडर का काम पूरा हो गया है। आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा…

नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। लोकसभा चुनाव का सरगर्मी अपने पूरे शबाब पर है।संभावित प्रत्याशी मतदाताओं से सीधे मुखातिब हो रहे हैं। जहां चुनाव जीतने के बाद सभी समस्याओं के निस्तारण का वादा कर रहे हैं। वहीं मतदाता अब उनके आश्वासनों पर आते नहीं दिख रहे हैं। ग्रामीण अपने क्षेत्र की समस्याओं के निस्तारण न होने की दशा में चुनाव बहिष्कार का मन बना रहे हैं।

Villagers of dozens of villages angry over dilapidated road will vote in elections 1कुछ ऐसा ही मामला नगरनौसा प्रखंड के लच्छू बिगहा मोड़ पथ से लोहण्ड़ा पथ को देखने को मिल रहा है। लच्छू बिगहा मोड़ पथ से लोहण्ड़ा पथ विगत आठ वर्षों से काफी जर्जर स्थिति में है। सड़क पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढा बन गया है। इसकी वजह से रोजाना छोटी-मोटी दुर्घटना घटती रहती है। इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ग्रमीण टिंकु पटेल,रजनीश कुमार, बैजू यादव,राहुल कुमार,अभिषेक कुमार ,धनञ्जय कुमार,सूरज कुमार ,मिरतुंजय कुमार, अजय सवा, प्रकाश कुमार,चंदन ठाकुर, अमन पटेल,ऋषि राज पटेल, रामाकांत पांडेय, रवि शंकर मांझी, अजित यादव, संतोष कुमार, शौकत अली खान आदि ग्रामीणों ने कहा कि सड़क बनने के दो वर्ष बाद से ही उक्त सम्पर्क मार्ग गड्ढों में तब्दील होना शुरू हो गया। तब से ग्रामीण जीर्णोद्धार कराये जाने की मांग करते चले आ रहे हैं। परन्तु इस गम्भीर समस्या की तरफ न तो अधिकारियों ने ही देखना मुनासिब समझा और न जनप्रतिनिधि ही। हम दर्जनों गांव के ग्रामीण बैठकर यह निर्णय लिए हैं।

ये गांव हो रहे प्रभावितः लच्छू बिगहा मोड़-लोहण्ड़ा पथ से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे करीब अठारह गांव चौरासी, अकैड, सैदनपुर, रधुनाथपुर, साकरोढ़ा, सकरपुरा, मुसहरी, प्रेमनगर, बारा बिगहा, भोभी, मदारपुर, दरियापुर, काछियावां, लोहड़ा, दाहाबीघा, विसुनपुर, बाजीतपुर, खीरुबिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

इस मार्ग पर पिछले आठ वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है। बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है।

बारिश में अधिक परेशानीः सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं। बाइक चालक तो गढ्ढे में फंसने के बाद गिर जाते हैं। जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं। अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है।

ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थिति में वाहन चालकों को जानमाल का नुकसान भी उठाना पड़ता है। यह पथ पर लगभग आठ लम्बी हैं। इस गांव के लोगों का यहीं एक मात्र सड़क हैं। प्रखंड के अन्य गांव के लोग भी अनुमंडल जाने के लिए इस पथ का उपयोग करते हैं।लेकिन अब सड़क खराब होने से लोगों को दूसरे रास्ते से अनुमंडल जाना होता है

गढ्ढे में तब्दील हुए सड़कः सड़क पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढा बन गया है।इसकी वजह से रोजाना छोटी-मोटी दुर्घटना घटती रहती है। इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क प्रखंड के दर्जनों गांव के लोगों को अनुमंडल कार्यलय व  प्रखंड कार्यालय को जोड़ती है। जिससे आसपास के दर्जनों गांव का अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क है। सड़क के जर्जर हो जाने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। अगर एक सप्ताह के अंदर सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्य को लेकर कोई पहल नहीं किया जाएगा तो वे लोग पहले की भांति इस बार सड़क को लेकर वोट का बहिष्कार करेंगे।

बहुत कुछ सहा, अब और नहीः ग्रामीणों ने कहा कि बड़ा लंबा समय हो गया है। हमने बहुत कुछ सहा है। बच्चे जान जोखिम में डाल पढ़ाई करने जाते, बीमार व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को इस पथ से गुजरने पर सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। जान जोखिम में यात्री डालकर इस पथ पर यात्रा करते हैं। क्या ग्रामीण लोगों की कोई गरिमा नहीं है? यह पहली बार नहीं है जब दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र में सड़कों की कमी का मुद्दा उठाया है।

प्रशासनिक उदासीनता में फंसी बेहतर भविष्य की राहः स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच की बात हो या बच्चों की शिक्षा की, बाजारों और प्रशासनिक केंद्रों तक आसान पहुंच से लेकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक लच्छू बिगहा मोड़ पथ से लोहण्ड़ा पथ काफ़ी महत्वपूर्ण है। सभी गांव प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव में शामिल हैं।

जनप्रतिनिधी वादे भूले, ग्रामीण वोट की चोट से लेंगे बदलाः चुनावी कदमताल से सियासी बदलाव का अहसास हो रहा है। ग्रामीण कहते है कि जनप्रतिनिधी चुनाव के वक्त किये वादे चुनाव जीतते ही भूल जाते हैं।अब हमलोग ऐसे जनप्रतिनिधि से वोट की चोट से बदला लेंगे।

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