नालंदा दर्पण डेस्क। पटना हाइकोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में कक्षा छह से आठवीं तक के आवेदकों की ओएमआर शीट की दुबारा जांच करने का आदेश दिया है। इससे TRE-2 के 6-8वीं वर्ग के BPSC शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है।
पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण की एकलपीठ शबनम कुमारी और अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद अपना बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अभिलेखों पर उपलब्ध कागजात के अवलोकन से यह तथ्य स्वीकार किया गया है कि ओएमआर शीट कक्षा नौवीं से दसवीं तक के अभ्यर्थियों का दुबारा जांच की गयी। जबकि, कक्षा छह से आठवीं तक के याचिकाकर्ताओं को इससे वंचित कर दिया गया।
कोर्ट ने न्याय हित में आयोग को आवेदकों की ओएमआर शीट, जिन्होंने कक्षा छह से आठवीं तक के लिए शिक्षकों के पद पर विज्ञापन संख्या 27 / 2023 के लिए आवेदन किये हैं, उनको दो सप्ताह के भीतर दुबारा जांच करने का निर्देश दिया।
इसके पूर्व याचिकाकर्ताओं के वकील शशि भूषण सिंह का था कि बीपीएससी द्वारा अंतिम समय में ओएमआर शीट के उत्तर पुस्तिका का क्रम बदल दिया गया था, जिसके कारण अभ्यर्थियों द्वारा राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र विषय में दिये गये उत्तर को इतिहास का उत्तर मानकर मूल्यांकन किया गया। परिणाम यह हुआ कि सभी इस परीक्षा में फेल हो गये।
उनका कहना था कि एडमिट कार्ड में दिये गये विवरण के अनुसार मूल्यांकन किया गया होता, तो आवेदक शिक्षक पद पर नियुक्ति होने के लिए योग्य हो जाते।
वहीं, आयोग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि परीक्षा के पूर्व शिक्षक पद के उम्मीदवारों को विषय बदलाव करने का पूरा मौका दिया गया था, लेकिन, आवेदकों ने समय रहते विषय बदलाव नहीं किये।
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