Thursday, April 3, 2025
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परवलपुर थाना पुलिस की सामने आए होश उड़ा देने वाले कारनामे

A shocking act of Parbalpur police station came to light
A shocking act of Parbalpur police station came to light

हिलसा (नालंदा दर्पण)। परवलपुर थाना पुलिस ने आवेदनकर्ताओं को परेशान करने का नया तरीका अपनाया है। थाना में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्तियों को उनकी शिकायत की प्राप्ति रसीद पर छह महीने आगे की तिथि दी जा रही है। इतना ही नहीं आवेदन स्वीकार करने वाले पुलिसकर्मी रसीद पर खुद हस्ताक्षर करने के बजाय आवेदनकर्ता से ही हस्ताक्षर करवा रहे हैं।

एक ऐसा ही मामला 11 जनवरी 2025 का है। जब पीड़ित महिला किरण कुमारी सिन्हा अपने विवादित जमीन पर मिट्टी गिराने की शिकायत दर्ज कराने परवलपुर थाना पहुँचीं थी। महिला ने जब शिकायत की प्राप्ति रसीद मांगी तो उसे 11 जून 2025 की तारीख अंकित कर दी गई। यह स्पष्ट रूप से थाना द्वारा शिकायतकर्ता को न्याय से वंचित करने का प्रयास है।

परवलपुर थाना की इस लापरवाही का दूसरा उदाहरण यह है कि आवेदन स्वीकार करने वाला पुलिसकर्मी स्वयं रसीद पर हस्ताक्षर नहीं करता। वह आवेदनकर्ता से ही हस्ताक्षर करवा लेता है। ताकि वरीय अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने पर यह स्पष्ट न हो सके कि किस अधिकारी या पुलिसकर्मी ने आवेदन स्वीकार किया था।

पीड़िता किरण कुमारी सिन्हा के अनुसार उनकी जमीन का मामला हिलसा न्यायालय में लंबित है। जिसका केस संख्या- 21/23 है। इसके बावजूद रवि भूषण प्रसाद उर्फ टुन्ना नामक व्यक्ति विवादित जमीन पर अवैध रूप से मिट्टी गिरवा रहा था। इसे रोकने और प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उन्होंने थाना का दरवाजा खटखटाया। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

परवलपुर थाना में यह कोई पहली घटना नहीं है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार यहां रोज़ाना इसी तरह की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन डर के कारण कोई भी खुलकर विरोध नहीं कर पाता। पुलिस की इस लापरवाही और अनियमितता ने आम जनता को न्याय से वंचित कर रखा है।

इस पूरे मामले की पुष्टि के लिए दो तस्वीरें भी सामने आई हैं। जिसमें थाना की अनियमितता को उजागर किया गया है। इन तस्वीरों में प्राप्ति रसीद पर पीला रंग से किए गए निशान साफ तौर पर इस गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं।

स्थानीय नागरिकों ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप करने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। क्योंकि ऐसे मामले पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि महकमे के जिम्मेवार लोग क्या कदम उठाते हैं और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।

1 COMMENT

  1. परबलपुर थाना से संबंधित ख़बर सुन्दर और निष्पक्ष है। इसके लिए धन्यवाद ।

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