बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा सिविल सर्जन ने तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण (Big action by Nalanda Civil Surgeon) करने के दौरान कार्रवाई करते हुए तीन चिकित्सकों समेत पांच स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने को लेकर शो कॉज भी जारी किया है। उन्होंने हरनौत, चंडी और नूरसराय अस्पतालों का निरीक्षण किया है।
बताया जाता है कि नवपदस्थापित सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह जिले के अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए अस्पतालों की औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान बीते दिन तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान कई चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी से गायब पाये गए। इस दौरान लापता तीन चिकित्सक समेत पांच स्वास्थ्यकर्मियों को शो कॉज जारी करते हुए उनके वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। सिविल सर्जन ने स्पष्टीकरण का जवाब शीघ्र देने को कहा गया है। संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी गई है।
सिविल सर्जन ने सबसे पहले हरनौत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सुबह साढ़े ग्यारह बजे औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत चार चिकित्सा पदाधिकारी ड्यूटी पर तैनात पाये गये। जबकि एक चिकित्सक अवकाश पर थे।
निरीक्षण के वक्त ओपीडी में डॉ. महेश कुमार और डॉ. अंकिता कुमारी के द्वारा कुल 68 मरीजों का ईलाज किया गया था तथा दस मरीज भव्या पोर्टल पर प्रतीक्षारत थे। डिस्पले बोर्ड पर दवा की अद्यतन स्थिति प्रदर्शित नहीं थी। पूछने पर बताया गया कि ओपीडी में 145 और आइपीडी में 61 प्रकार की दवा उपलब्ध हैं।
सिविल सर्जन ने प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि हर दिन दवा की अतन रिपोर्ट दर्ज करें। इतना ही नहीं रोस्टर ड्यूटी डिस्पले बोर्ड पर चिकित्सक व कर्मियों का रोस्टर चार्ट प्रदर्शित नहीं था। रोस्टर चार्ट बनाकर उपलब्ध कराने का निर्देश स्वास्थ्य प्रबंधक को दिया गया।
वहीं सिविल सर्जन द्वारा नूरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान तीन चिकित्सक समेत पांच कर्मी ड्यूटी से अनुपस्थित पाये गये। निरीक्षण के वक्त दोपहर डेढ़ बजे तक डॉ. अविनाश अलंकार, डॉ. संदीप कुमार सिन्हा, डॉ. अनिल कुमार, सहायक प्रशिक्षु चिकित्सा पदाधिकारी एवं चतुर्थवर्गीय कर्मचारी सुनील कुमार रविदास पांच जुलाई से आठ जुलाई तक अनुपस्थित थे।
एएनएम श्रीमती मंजु सिंहा आठ जुलाई को अनुपस्थित पायी गयीं। यहां पर भी दवा की उपलब्धता प्रदर्शित नहीं पायी गयी। ओपीडी में 168 व आइपीडी में 47 तरह की दवा उपलब्ध थी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनुपस्थित डॉक्टरों व कर्मियों से शोकॉज का जवाब प्राप्त कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। अनुपस्थित अवधि के वेतन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी।
वहीं सिविल सर्जन द्वारा चंडी रेफरल अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान प्रभारी समेत तीन चिकित्सक ड्यूटी पर तैनात पाये गये। ओपीडी में डॉ. संतोष कांत व डॉ. कमलेश कुमार के द्वारा साढ़े बारह बजे दिन तक 148 मरीजों का इलाज किया जा चुका था। परंतु डिस्पले बोर्ड पर दवा की उपलब्धता प्रदर्शित नहीं थी।
इस बारे में सिविल सर्जन को बताया गया कि पूर्व फार्मासिस्ट द्वारा दवा भंडार का संपूर्ण प्रभार नहीं दिया गया है। प्रभारी को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर प्रभार ग्रहण कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि चिकित्सक व कर्मियों का रोस्टर चार्ट बनाकर उपलब्ध कराएं। प्रसव कक्ष में दो का प्रसव हुआ था। इस कक्ष का एसी खराब पाया गया। लैब में कुल 22 मरीजों की जांच की थी। साथ ही एक्सरे में 35 रोगियों का एक्सरे किया गया था।
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