हिलसा (नालंदा दर्पण)। Administrative negligence in Nalanda: नूरसराय-हिलसा मार्ग में मुहाने नदी पर चार साल से पुल निर्माण का कार्य अटका हुआ है। नदी में पानी आते ही डायवर्सन बह जाएगा और इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाएगा। इससे लोग काफी सहमे हुए हैं। इस पुल का निर्माण कार्य पिछले चाल साल वर्ष 2020 से चल रहा है, लेकिन अबतक निर्माण तो दूर, सही से कार्य तक शुरु नहीं हो पाया है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।
बताया जाता है कि चार वर्ष पूर्व नूरसराय-हिलसा पथ पर थरथरी के पास मुहाने पर स्थित जर्जर पुल को ध्वस्त कर नया पुल बनाने का कार्य शुरू किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। नूरसराय-हिलसा पथ पर थरथरी के पास मुहाने नदी पर वर्ष 2020 से पुल निर्माण कार्य अटका हुआ है।
गत चार वर्ष से नूरसराय-थरथरी के लोग मुहाने नदी पर बने डायवर्सन के सहारे आना-जाना कर रहे हैं, लेकिन अब लोगों को डर है कि नदी में पानी का बहाव आयेगा तो थरथरी वासी समेत एक बड़ी आबादी का हिलसा अनुमंडल और बाजार से संपर्क टूट जायेगा। ऐसा होता है तो प्रत्यक्ष रूप से नूरसराय, हिलसा, थरथरी एवं आसपास के प्रखंड वासियों को फजीहत उठानी पड़ेगी। क्योंकि जिला मुख्यालय और हिलसा अनुमंडल को जोड़ने वाले सबसे सुगम मार्ग नूरसराय-हिलसा पथ है। इस मार्ग से करीब प्रतिदिन छोटा-बड़ा मिलाकर करीब एक हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है।
बताया जाता है कि वर्ष 2020 में रोड डिविजन हिलसा के माध्यम से नूरसराय-हिलसा पथ में थरथरी के पास मुहाने नदी पर पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। जिसकी लागत उस समय करीब छह करोड़ रुपये थी तथा पुल के बगल में 85 लाख रुपये डायवर्सन निर्माण कराया गया। लेकिन डायवर्सन कम ऊंचा है। इस कारण नदी में पानी का बहाव आने पर डायवर्सन से आवागमन कार्य बंद हो जायेगा।
जानकारों के मुताबिक निर्माण एजेंसी टेंडर लेकर पेटी कॉटेक्टर को पुल निर्माण की जिम्मेवारी सौंप दी थी। पेटी कॉटैक्टर ने पुराने पुल को ध्वस्त कर नये पुल का पाइलिंग कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन कार्य के साथ रुपये नहीं मिलने के कारण पेटी कॉटेक्टर निर्माण कार्य छोड़कर भाग गया।
हालांकि स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 2022 में पुल के निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी, जिसमें ससमय निर्माण कार्य नहीं करने के कारण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कहीं गई थी, लेकिन विभाग ने एक मौका देते हुए उसी निर्माण एजेंसी पुल बनाने की जिम्मेवारी सौंपी थी। फिर भी निर्माण एजेंसी पुल बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। तब वर्तमान में अनुमंडलस्तरीय प्रशासन की अनुशंसा पर विभाग ने निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैक लिस्टेड किया है।
लोग बताते हैं कि निर्माण एजेंसी की शिथिलता के कारण ससमय पुल का निर्माण कार्य नहीं हो पाया। वाहनों के आवागमन के लिए बनाये डायवर्सन ऊंचा है। बरसात के मौसम में नदी में पानी आते ही सड़क का संबंध टूट जाएगा। इससे जिला तथा अनुमंडल मुख्यालय से सम्पर्क टूट जायेगा। इस पथ से संपर्क टूटने के बाद बिहारशरीफ जाने के लिए 5-10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इस पुल में 42 पाइलिंग में मात्र 15 पाइलिंग ही की गयी है। यह पुल का निर्माण वर्ष 2020 से ही कार्य शुरू कर दिया गया था।
लोगों का कहना है कि बड़े और छोटे निर्माण एजेंसी आपसी लेन-देन को लेकर पुल का निर्माण कार्य वर्षों से बंद किये हुए हैं। यदि मुहाने नदी में पानी आया तो यह डायवर्सन डूब जायेगा। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जायेगी। खासकर हिलसा अनुमंडल कार्यालय, निबंधन कार्यालय, हिलसा कोर्ट, अनुमंडलीय अस्पताल, हिलसा कॉलेज आदि संस्थानों में जाने के लिए चंडी और परवलपुर होते हुुए वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ेगा। जिससे दस से पंद्रह किलीमीटर अतिरिक्त दूरी और दो से तीन घंटे अतिरिक्त समय जाया होगा।
इस बाबत हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी प्रवीण कुमार का पहले के पदाधिकारियों की तरह कहना है कि नूरसराय-हिलसा मार्ग में थरथरी के पास मुहाने नदी पर वर्षों से पुल निर्माण कार्य बंद है। इसके निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग से अनुशंसा की गई थी, जिसपर विभाग ने निर्माण एजेंसी को एक मौका दिया था, लेकिन पुल निर्माण कार्य में प्रगति नहीं है। इसको लेकर निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टिंग कर दिया गया है और दोबारा पुल निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहा तो चार से छह माह में थरथरी के पास मुहाने नदी पर पुल निर्माण करा लिया जाएगा।
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