अन्य
    Friday, April 18, 2025
    अन्य

      Bihar Disaster Management: सरकार किस नुकसान के लिए कितना देती है मुआवजा, जान लें

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। Bihar Disaster Management: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 2022-23 से 2025-26 तक की अवधि के लिए आपदा प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना शुरू की गई है।इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार की आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा और कीटों के प्रकोप से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह योजना न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

      सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों में किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी। कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

      फसलों को नुकसान: सरकार ने फसलों को हुए नुकसान के लिए 8000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा देने की घोषणा की है।

      कच्चे मकान (आंशिक नुकसान): जिन किसानों के कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 3000 रुपये की सहायता मिलेगी।

      पक्का मकान (आंशिक नुकसान): पक्के मकानों के आंशिक नुकसान पर 4000 रुपये की राशि दी जाएगी।

      पक्का मकान (पूर्ण नुकसान): पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकानों के लिए 6500 रुपये का मुआवजा घोषित किया गया है।

      चारे के लिए अनुदान: पशुओं के चारे के लिए 12000 रुपये और निजी चारा भूमि के लिए 7000 रुपये की सहायता दी जाएगी।

      जानवरों की मृत्यु: मृत जानवरों के लिए 2500 रुपये और गाय/भैंस की मृत्यु पर 3750 रुपये की राशि दी जाएगी।

      भेड़/बकरी और बछिया/छोटे जानवर: इनकी मृत्यु पर क्रमशः 4000 और 3200 रुपये की सहायता राशि होगी।

      गाय/भैंस की बछिया/गर्भ: इनके नुकसान पर 2000 रुपये दिए जाएंगे।

      फसल बीमा: फसल बीमा के तहत प्रति हेक्टेयर 17000 रुपये की राशि निर्धारित की गई है।

      मुर्गी पालन: मुर्गी पालन के लिए 100 प्रति मुर्गी/पक्षी प्रति मौसम में 10000 रुपये तक की सीमा होगी।

      मृतक मानव धन: एक मृतक के लिए 400000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

      चिकित्सा सहायता: अस्पताल में भर्ती होने पर 5400 रुपये प्रति सप्ताह और एक सप्ताह से अधिक की भर्ती पर 16000 रुपये की सहायता दी जाएगी।

      सरकार ने मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था और फसल बीमा योजना को मजबूत करने पर भी जोर दिया है। इसके अलावा सूखा और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। यहां किसानों को तत्काल सहायता मिलेगी। यह कदम बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

      स्थानीय किसान इस योजना का स्वागत कर रहे हैं। एक किसान ने कहा कि हमें इस सहायता से नई उम्मीद जगी है। प्राकृतिक आपदाओं से हमारा नुकसान हर साल होता है। लेकिन अब हमें आर्थिक मदद मिलेगी। वहीं कुछ किसानों ने मुआवजे की राशि को और बढ़ाने की मांग की है और मुआवजा प्रक्रिया पर हावी नौकरशाही तंत्र पर लगाम लगाने की जरुरत बताई है।

      बिहार सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक हर प्रभावित किसान तक यह सहायता पहुंचे। इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और ग्राम पंचायतों के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। यह योजना न केवल आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करेगी, बल्कि किसानों के जीवन में आत्मविश्वास भी लाएगी।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      जुड़ी खबर

      error: Content is protected !!
      ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य