अन्य
    Tuesday, December 3, 2024
    अन्य

      बिहारशरीफ अनुमंडल क्षेत्र में सात अंचलाधिकारियों पर प्रपत्र ‘क’ गठित

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ अनुमंडल क्षेत्र में सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और नियमों की अनदेखी के आरोपों के चलते सात अंचलाधिकारियों (सीओ) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।

      इन अधिकारियों पर कागजी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद प्रपत्र ‘क’ (चार्जशीट) गठित किया गया है। इतना ही नहीं दो और सीओ के कार्यों की गहनता से जांच की जा रही है और उनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है।

      इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरमेरा के तत्कालीन सीओ अबू अफसर के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में दो बार प्रपत्र ‘क’ गठित किया गया है।

      डीसीएलआर (डिप्टी कलेक्टर) राज ऐश्वर्या श्री ने पुष्टि की है कि जिन अधिकारियों पर अब तक प्रपत्र ‘क’ गठित हुआ है, उन सभी पर जमीन से जुड़े दस्तावेजों में गड़बड़ी और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

      क्या हैं आरोप?

      नूरसराय के तत्कालीन सीओ उदय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने गैर-मजरुआ मालिक किस्म की जमीन की जमाबंदी अवैध रूप से एक व्यक्ति के नाम कर दी। यह गंभीर आरोप सरकारी जमीन को निजी संपत्ति में बदलने से संबंधित है, जिसे पूरी तरह से गैरकानूनी माना जाता है।

      नूरसराय के ही एक अन्य सीओ प्रभाकर पटेल एक मामले में अदालती सुनवाई के बावजूद दाखिल-खारिज की अनुमति दे दी, जो स्पष्ट रूप से न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।

      अस्थावां के सीओ रविन्द्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने जमाबंदी लॉक होने के बाद भी जमीन की जमाबंदी कर दी। सामान्य रूप से, जमाबंदी लॉक होने के बाद कोई भी बदलाव या नया प्रवेश असंभव माना जाता है, लेकिन उन्होंने इस नियम की अवहेलना की।

      सरमेरा के सीओ अबू अफसर पर एक अन्य गंभीर आरोप है कि उन्होंने अपनी सर्विस बुक गायब कर दी। यह आरोप प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही और पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है।

      बिंद के कर्मचारी रामानंद प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी कर दी, जिससे एक गलत जमीन हस्तांतरण हुआ।

      हरनौत के सीओ अखिलेश चौधरी और अन्य सीओ पर भी कागजातों में हेरफेर और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने के आरोप हैं। इन अधिकारियों पर भी प्रपत्र ‘क’ गठित हो चुका है।

      जांच अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिन दो अन्य सीओ की गतिविधियों की जांच चल रही है, उन पर भी जल्द ही प्रपत्र ‘क’ गठित किया जाएगा। विभागीय स्तर पर यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और सरकारी नियमों के उल्लंघन के खिलाफ एक सख्त संदेश देने के उद्देश्य से की गई है।

      डीसीएलआर राज ऐश्वर्या श्री के अनुसार सरकारी कागजातों और प्रक्रियाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

      इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। जनता में भी इसे लेकर काफी चर्चा है, क्योंकि यह कार्रवाई प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है। लोगों का मानना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सरकारी अधिकारियों में डर पैदा होगा।

      अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जिन दो सीओ की जांच चल रही है, उन पर कब तक प्रपत्र ‘क’ गठित किया जाएगा और इन मामलों में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा में स्कूली शिक्षा व्यवस्था का आलम