आंगनबाड़ी की MDM से बच्ची की मौत, जुड़वा भाई गंभीर, 33 बच्चों ने खाया खाना

Girl dies after eating Anganwadi MDM, twin brother is serious, 33 children ate the food
Girl dies after eating Anganwadi MDM, twin brother is serious, 33 children ate the food

 “यह घटना प्रशासन के लिए बच्चों के स्वास्थ्य और आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब सबकी नजरें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच की दिशा पर टिकी हैं, जो सच सामने लाने में मदद करेगी

हरनौत (नालंदा दर्पण)। हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा थाना क्षेत्र के अमरपुरी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में सोमवार को मिड-डे मील (MDM) खाने के बाद एक मासूम बच्ची की मौत हो गई और उसका जुड़वा भाई गंभीर रूप से बीमार है। मृतक बच्ची की पहचान क्रांति कुमारी (4 वर्ष) के रूप में हुई है। जबकि उसका जुड़वा भाई करण कुमार हरनौत अस्पताल में भर्ती है।

मृतक के पिता नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत आंगनबाड़ी केंद्र में दिए गए भोजन से हुई है। उन्होंने कहा, “खाने के तुरंत बाद ही मेरी बेटी की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मेरा बेटा भी उसी भोजन के कारण गंभीर हालत में है।”

आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अर्चना कुमारी ने बताया कि सोमवार को 33 बच्चों को मिड-डे मील दिया गया था, जिसमें खिचड़ी परोसी गई थी। उन्होंने कहा, “बाकी सभी बच्चे स्वस्थ हैं और अपने घर चले गए। भोजन के तुरंत बाद किसी भी बच्चे ने तबीयत खराब होने की शिकायत नहीं की।”

प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) सीमा कुमारी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा। प्राथमिक रूप से यह भोजन से संबंधित मामला प्रतीत नहीं होता, क्योंकि 33 बच्चों में से केवल दो बच्चों की तबीयत खराब हुई। ठंड या अन्य कारणों से बच्ची की मौत हुई हो सकती है।”

घटना की सूचना मिलते ही कल्याण बिगहा ओपी पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि परिजनों द्वारा आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

इस घटना से अमरपुरी गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने मिड-डे मील की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं और जांच की मांग की है। एक ग्रामीण ने कहा, “आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”

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