इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। Major action by civil surgeon: रोगियों की सुविधाओं को बहाल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है। इसके तहत बिहार हेल्थ एप्लिकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल यानि भव्या पोर्टल पर अधिक से अधिक काम करने को कहा जा रहा है। इलाज से लेकर दवा की पर्ची व अन्य जांच की रिपोर्ट भव्या पर ऑनलाइन करनी है।
बावजूद कुछ चिकित्सक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। हद तो यह कि एक डॉक्टर की उपलब्धि इसमें जीरो है। ऐसे चार डॉक्टरों से नालंदा सिविल सर्जन (सीएस) डॉ. श्यामा राय ने शोकॉज ने किया है।
उन्होंने बताया कि हर डॉक्टर को कम से कम 80 फीसद ऑनलाइन रिपोर्ट करनी है। 40 फीसद से कम रिपोर्ट करने वाले चार डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगी गयी है। ये सभी चारों डॉक्टर इस्लामपुर अस्पताल के हैं। डॉ. संतोष कुमार के नाम से ओपीडी में 213 पर्ची कटे। मगर सिर्फ 81 की ही ऑनलाइन रिपोर्टिंग हुई।
इसी तरह डॉ. कुमार राघवेंद्र ने 466 का इलाज किया, पर 97 की ही रिपोर्ट ऑनलाइन की। डॉ. सत्यम प्रकाश ने 892 में से महज 170 की ऑनलाइन रिपोर्ट की। वहीं डॉ. बाल्मिकी प्रसाद सिन्हा ने 20 में से एक की भी रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं की।
भव्या पोर्टल की शुरुआत होने के बाद बिहारशरीफ सदर अस्पताल की कई खामियों का उजागर हुआ है। एसएनसीयू से नवजात को अपने क्लीनिक भेजने के आरोप में वहां के नोडल डॉ. अंजय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग ने निलंबित कर दिया था।
साथ ही डॉ. अंजय पर मरीज से रुपए उगाही का भी आरोप लगा था। उस राशि का भी भुगतान करने को कहा गया था। बावजूद चिकित्सक भव्या पर सही से काम करने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
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