नगरनौसा (…….)। नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत दामोदरपुर बल्धा पंचायत के सरैया में मनरेगा योजना के तहत वर्षो पुर्व यानि 2017 मे 66,000 रुपए की सरकारी राशि से श्रीकान्त वर्मा के निजी जमीन पर निर्मित पशु शेड ग्रामीमों के बीच आम चर्चा का विषय है कि यह पशु शेड मूक पशुओं के नाम पर लूट की बली चढ़ रही है।
एक तरफ केन्द्र सरकार की नरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं को अति महत्वाकांक्षी योजना बताया जाता है। उसके तहत विकास के साथ साथ रोजगार मुहैया कराने का दावा किया जाता है। जबकि दूसरी ओर जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही दिखती है।
पंचायत वासियों की माने तो श्रीकान्त वर्मा के सगे भाई की पत्नी बीते 15 वर्षों तक वार्ड संख्या-12 की वार्ड सदस्या रह चुकी हैं, जिसके प्रभाव से अपने निजी जमीन पर गृह निर्माण करने के दृष्टिकोण से पशु शेड का निर्माण कर दिए गए। जबकि लाभार्थी उस पशु शेड की सुख सुविधा एक दिन भी अपने पशुओं को मुहैया नहीं कराई, जोकि एक संवैधानिक निंदा का तथ्य है।
हकीकत जानने के लिये निर्मित इस पशु शेड का स्थल पर जाकर मुआयना किया गया और जो सच उभर कर सामने आए, उसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
निर्मित इस पशु शेड में पशु की उपस्थिति तो दूर की बात, निर्मित होने से खबर लिखे जाने तक पशु का प्रवेश वर्जित होने के दृश्य और निर्मित कुछ नादों में कूङे कचरे तो कुछ में धान भिगोता हुया पाया गया। जिसका नजारा कैमरे मे कैद हो गई।
ऐसे मे स्थानीय जन प्रतिनिधियों व नरेगा के पदाधिकारियों की कार्यशैली पर यह सबाल उठना लाजिमी है कि बिना जाँच पङताल किए हुए हीं इस तरह की योजनाओं पर जनता की गाढी कमाई क्यों खर्च कर दी जाती है।
पंचायतवासियों की मानें तो जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी व लाभुक आपस में मिलकर नरेगा की योजनाओ के नाम पर सरकारी राशि की वंदरबांट करते हैं, जो उच्चस्तरीय लाइव टेलीकास्ट के माध्यम जाँच की विषय है।