राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार का ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल राजगीर अब एक नए और आधुनिक स्वरूप में पर्यटकों का स्वागत करने को तैयार है। भारतीय रेलवे ने राजगीर रेलवे स्टेशन को न केवल एक यात्री केंद्र, बल्कि एक सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत स्टेशन की बाहरी और भीतरी दीवारों को जरासंध जैसे महान योद्धा और बौद्ध धर्म से जुड़े अन्य महापुरुषों की तस्वीरों से सजाया जाएगा। ये तस्वीरें न केवल स्टेशन की सुंदरता बढ़ाएंगी, बल्कि आने वाले यात्रियों को राजगीर की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से भी परिचित कराएंगी।
राजगीर, जो कभी मगध साम्राज्य की राजधानी रहा और भगवान बुद्ध की तपोस्थली के रूप में प्रसिद्ध है, अब अपने रेलवे स्टेशन के माध्यम से भी अपनी गौरवशाली कहानी कहेगा। स्टेशन की दीवारों पर जरासंध, भगवान बुद्ध, महावीर और अन्य महान हस्तियों की तस्वीरें और भित्ति चित्र बनाए जाएंगे। ये चित्र राजगीर के गौरवशाली इतिहास और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को दर्शाएंगे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन चित्रों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा तैयार किया जाएगा। ताकि कला और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिले।
राजगीर स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कई आधुनिक सुविधाओं को शामिल किया जा रहा है। स्टेशन पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। जिससे ट्रेनों की आवाजाही और यात्रियों की सुविधा में वृद्धि होगी। इसके अलावा एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।
पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से स्टेशन पर वीवीआईपी लाउंज की स्थापना की जाएगी। यहां यात्री आरामदायक माहौल में समय बिता सकेंगे। खानपान के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। स्टेशन पर उच्च गुणवत्ता वाले खानपान स्टॉल और रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। जहां स्थानीय बिहारी व्यंजनों से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों का स्वाद उपलब्ध होगा।
राजगीर पहले से ही विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय, विश्व शांति स्तूप, गर्म जल कुंड और बौद्ध मठों के लिए प्रसिद्ध है। अब स्टेशन के इस कायाकल्प से पर्यटकों को एक नया और आकर्षक अनुभव मिलेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार स्टेशन का नवीनीकरण पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह न केवल बिहार के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
इस परियोजना से स्थानीय लोग भी उत्साहित हैं। राजगीर के निवासी रमेश पान ने कहा कि हमारे शहर का रेलवे स्टेशन अब एक साधारण स्टेशन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और इतिहास का प्रतीक बनेगा। इससे न केवल पर्यटक बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
रेलवे सूत्रों के अनुसार इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो चुका है और अगले डेढ़ से दो वर्षों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के लिए बजट आवंटन और तकनीकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रेलवे का दावा है कि यह स्टेशन न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल स्टेशन के रूप में उभरेगा।
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