अन्य
    Sunday, December 22, 2024
    अन्य

      Sogra Waqf Estate Bihar Sharif: मोतवल्ली एवं सचिव ने की अवैध नियुक्ति, निर्माण और राशि का बंदरबांट

      बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शरीफ सोगरा वक्फ इस्टेट (Sogra Waqf Estate Bihar Sharif) के मोतवल्ली और कॉलेज के सचिव पर इस्टेट के सदस्यों के द्वारा ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये गये है। आरोप लगाने वालों में मो जफर अली खान रूमी, मो जकी अहमद अंसारी, मो शकील अहमद, मो जावेद, मो कुद्दुश तथा मो हीमायूं कैसर के नाम शामिल है।

      वक्फ इस्टेट के इन सदस्यों ने बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड पटना, मुख्यमंत्री बिहार तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को दिए गए आवेदन में कहा है कि सोगरा वक्फ इस्टेट-2 में मोतवल्ली के द्वारा मोटी रकम लेकर अध्यक्ष एवं सचिव की मिली भगत से लगभग 17- 18 व्यक्तियों की अवैध रूप से नियुक्ति कर ली गई है। इससे वेतन मद में कॉलेज की अतिरिक्त राशि खर्च हो रही है। जबकि शासी निकाय के सदस्यों को इसकी कोई जानकारी भी नहीं दी गई है।

      सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन पदों की अर्हता पूरी नहीं करने वाले लोगों को भी मोटी रकम लेकर बहाली की गई है। इस संबंध में सदस्य मो जफर अली खान रूमी ने बताया कि सोगरा कॉलेज के पास काफी भूमि रहने के बावजूद भी यहां प्लस टू के लिए अलग से भवन का निर्माण नहीं कराया गया है। जिसके कारण यहां से इंटरमीडिएट की पढ़ाई समाप्त कर दी गई है।

      इससे आसपास के कई मोहल्लों के छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाई हो रही है। जबकि इसके विपरीत मोतवल्ली तथा सचिव के द्वारा वक्फ इस्टेट की राशि का साइंस ब्लॉक बनाने के नाम पर लूट करने की योजना बनाई गई है। इनके द्वारा पटना के एक न के बराबर बिकने वाले स्थानीय अखबार में टेंडर नोटिस निकाला गया तथा टेंडर का एग्रीमेंट भी कर दिया गया है। जबकि सदस्यों को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।

      यही नहीं, सोगरा कॉलेज में साइंस ब्लॉक से अधिक जरूरी इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए भवन बनाना था। जबकि इन लोगों के द्वारा अपने हित में साइंस ब्लॉक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अध्यक्ष एवं सचिव पर मनमानी तथा मोटी रकम अवैध रूप से कमाने का आरोप लगाया है।

      मोतवल्ली नहीं दे रहे आय-व्यय का ब्यौराः बिहार राज्य सुननी वक्फ बोर्ड पटना को दिए गए आवेदन में सदस्यों ने कहा है कि मोतवल्ली के द्वारा लगभग 4 वर्ष से आय-व्यय का कोई ब्यौरा नहीं दिया जा रहा है। मोतवल्ली के द्वारा मासिक बैठक भी नहीं की जाती है, जो वक्फनामा के विरुद्ध है। इनके द्वारा सोगरा वक्फ इस्टेट की जमीन तथा दुकान किराए पर भी दिए गए हैं। जिसमें मोटी रकम ली गई है। इसकी भी कोई जानकारी सदस्यों को नहीं दी गई है।

      लगभग 40 लाख रुपये का हुआ बंदरबाटः सदस्यों ने आरोप लगाया है कि वक्फ इस्टेट के अध्यक्ष सह सोगरा कॉलेज के अध्यक्ष एवं सचिव की मिली भगत से कॉलेज के खजाने से लगभग 25 लाख रुपए की निकासी कर ली गई है।

      इसी प्रकार सोगरा हाई स्कूल के नाम पर भी 15 लाख रुपए निकाल कर खर्च कर दिए गये हैं। प्रावधान के अनुसार मदरसा अजीजिया पर इस्टेट की आमदनी का छह आना हिस्सा खर्च करने का प्रावधान है। लेकिन इस राशि का भी उपयोग गरीबों, विधवाओं, वृद्धो तथा मदरसा के बच्चों पर खर्च नहीं किया जा रह है।

      मोतवल्ली को मनमानी की जानकारी नहीः वहीं बिहारशरीफ सोगरा वक्फ इस्टेट के मोतवल्ली मो. मुख्तारूल हक का कहना है कि अब तक उनके संज्ञान में यह बात नहीं आई है। इसलिए इस संबंध में मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। जब इस संबंध में उनसे शिकायत की जाएगी तो आरोपों का बिन्दुवार जवाब दिया जाएगा।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नालंदा में स्कूली शिक्षा व्यवस्था का आलम