Friday, April 18, 2025
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कुख्यात Paper Leak सरगना लूटन मुखिया पर 3 लाख का इनाम

हिलसा (नालंदा दर्पण)। नीट यूजी 2024 प्रश्न पत्र लीक (Paper Leak) मामले में बिहार पुलिस ने कुख्यात सरगना संजीव कुमार उर्फ लूटन मुखिया को पकड़ने के लिए कमर कस ली है। बिहार सरकार ने आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की सिफारिश पर संजीव मुखिया पर तीन लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। पुलिस मुख्यालय ने इसकी औपचारिक सूचना जारी की है। इसके साथ ही संजीव के भांजे शुभम कुमार और सहयोगी राजकिशोर कुमार पर भी एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है। ये तीनों नीट सहित कई अन्य प्रमुख परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में लिप्त पाए गए हैं।

बता दें कि नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के भूतहाखार पंचायत अंतर्गत बलवापर गांव का निवासी संजीव मुखिया लंबे समय से पेपर लीक के धंधे में सक्रिय है। नीट यूजी 2024 के प्रश्न पत्र लीक मामले में उसकी भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी है। संजीव का इतिहास रहा है कि वह न केवल नीट, बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने में भी माहिर रहा है। सूत्रों के मुताबिक वह अपने नेटवर्क के जरिए प्रश्न पत्रों को लीक करता और मोटी रकम के बदले अभ्यर्थियों तक पहुंचाता था।

पुलिस के अनुसार संजीव पिछले साल से फरार है। इओयू ने उसकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और इसके लिए कोर्ट में आवेदन दायर किया गया है। संजीव के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, और उसका आपराधिक रिकॉर्ड उसे पकड़ने की चुनौती को और जटिल बनाता है।

वहीं संजीव मुखिया के भांजे शुभम कुमार, जो नालंदा के सोहसराय बीच बाजार का निवासी है। इस पूरे खेल में अहम भूमिका निभाता था। शुभम का काम लीक हुए प्रश्न पत्रों को अभ्यर्थियों तक पहुंचाना और उनके जवाब तैयार करवाना था। वहीं अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के बखतारी गांव के राजकिशोर कुमार का रोल पैसे के लेनदेन का था। दोनों के खिलाफ दो-दो मामले दर्ज हैं और पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए भी इनाम घोषित किया है।

सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया और उसके सहयोगियों के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए इओयू ने कई राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया है। संजीव की संपत्ति जब्त करने के अलावा उसके बैंक खातों और अन्य वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जा रही है।

पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि इनाम की घोषणा का मकसद आम लोगों को इन शातिर अपराधियों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इन अपराधियों की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

मानना है कि संजीव मुखिया जैसे अपराधियों के कारण शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा है। नीट जैसे महत्वपूर्ण परीक्षा के पेपर लीक होने से लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और नैतिक सवाल भी खड़े करता है। आखिर कब तक ऐसे सरगनाओं का नेटवर्क बेरोकटोक काम करता रहेगा?

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