नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने सूबे के सभी स्कूलों के समय सारणी में बड़ा बदलाव किया है। आगामी एक जुलाई से अब सभी सरकारी विद्यालय सुबह 9.00 बजे से अपराह्न 4:30 बजे तक चलेगा।
बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा द्वारा जारी विभागीय अधिसूचना के अनुसार राज्य के सभी विद्यालयों (प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक, संस्कृत विद्यालय, मदरसा विद्यालय सहित) के लिए समयावधि निर्धारित किया गया था। बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 ( समय-समय पर यथा संशोधित) की अनुसूची की कंडिका-4 में निम्नलिखित प्रावधान वर्णित है कि “शिक्षक के लिए प्रति सप्ताह कार्य घंटों की न्यूनतम संख्या पैंतालीस शिक्षण घंटे जिसके अन्तर्गत तैयारी के घंटे भी है, निर्धारित है।”
उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में उक्त अधिसूचनाओं में आंशिक संशोधन करते हुए दिनांक 01.07.2024 से राज्य के सभी प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में (संस्कृत / मदरसा विद्यालय सहित) मॉडल टाइम-टेबल निर्धारित किया जाता हैः
- प्रधानाध्यापक/शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी विद्यालय शुरु होने के 10 मिनट पूर्व विद्यालय पहुँचना सुनिश्चित करेंगे। राज्य के सभी प्रारंभिक / मध्य / माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक उपरोक्त समय-सारणी के अनुसार ही काम करेंगे, और विद्यालय ससमय खोलना एवं बंद करना सुनिश्चित करेंगे।
- किसी भी सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक / प्रभारी प्रधानाध्यापक अपने स्तर से उक्त विद्यालय समय-सारणी में कोई बदलाव नहीं करेंगे अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
- यदि विद्यालय में किसी कक्षा की बोर्ड / सेंटअप परीक्षा ली जा रही हो तो अन्य कक्षाओं को suspend नहीं किया जायेगा। अन्य कक्षाओं में अध्यापन का कार्य चलते रहना चाहिए ।
- शनिवार को विद्यालय में पूरे दिन गतिविधि (बैगलेस सुरक्षित शनिवार वर्ग 01 से 08 तक के लिए) जारी रहेगी। मध्यान्तर तक माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापन कार्य होगा । भोजनावकाश / मध्यान्तर के बाद बाल संसद / सभा, खेल-कूद, सृजनात्मक गतिविधि, अभिभावकों के साथ बैठक (क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ शनिवार को) आयोजित की जायेगी । जिस माह में पाँचवा शनिवार आएगा उस शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हुए पिछले सभी शनिवार में बच्चों द्वारा निर्मित सामग्रियों / गतिविधियों का प्रदर्शन किया जायेगा एवं समीक्षा करते हुए शिक्षकों द्वारा आकलन / मूल्यांकन किया जाएगा।
- संस्कृत बोर्ड के अन्तर्गत विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी मॉडल टाइम-टेबल का पालन करेंगे।
- मिशन दक्ष के तहत कक्षाएं समय-सारणी के अनुसार ली जाएगी। सभी शिक्षक अपने-अपने वर्ग-चिन्हित कमजोर बच्चों का अलग-अलग कक्षाओं में वर्ग संचालन करना सुनिश्चित करेंगे।
- शिक्षक की उपलब्धता के आधार पर प्रधानाध्यापक Routine बनाना सुनिश्चित करेंगे। माह सितम्बर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा होनी है, इसलिए यथा निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी।
- प्रत्येक दिन छात्र/छात्राओं को गृह कार्य देना एवं अगले दिन उसकी जाँच करना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व होगा।
- निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (समय-समय पर यथा संशोधित) के अनुपालन में प्रति सप्ताह शिक्षकों की न्यूनतम 45 घंटे की कार्यावधि निर्धारित है। अतः प्रत्येक शिक्षक को सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन 7.5 घंटे की न्यूनतम कार्यावधि का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। आवश्यकता पड़ने पर पाठ्यक्रम पूरा करने हेतु उक्त कार्यावधि प्रधानाध्यापक द्वारा बढ़ायी जा सकती है। शिक्षा विभाग द्वारा भी समय-समय पर अतिरिक्त कक्षा संचालन हेतु निदेश दिया जा सकेगा।
- प्रतिदिन विद्यालय परिसर, वर्गकक्ष, रसोईघर एवं शौचालय आदि की साफ-सफाई के निरीक्षण करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी
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