Saturday, March 29, 2025
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बिजली चोरी जांच दल पर जानलेवा हमला, कई कर्मी जख्मी, साक्ष्य नष्ट

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नूरसराय क्षेत्र में बिजली चोरी की जांच के लिए गए एक विभागीय दल पर हिंसक हमला किया गया। इस घटना में कई सरकारी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जांच के उपकरण छीनकर नष्ट कर दिए गए और महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। हमलावरों ने जांच दल को जान से मारने की धमकी भी दी। जिसके बाद मामला नूरसराय थाने में दर्ज कर लिया गया है।

विद्युत आपूर्ति प्रशाखा-नूरसराय के कनीय विद्युत अभियंता मोहम्मद असगर अली के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल गठित किया गया था। इस दल में सहायक विद्युत अभियंता अरविंद कुमार, तकनीकी कोटी-1 राकेश कुमार और अन्य कर्मचारी शामिल थे। गुरुवार शाम 4:00 बजे यह दल नूरसराय थाना क्षेत्र के सैदी गांव पहुंचा। वहां छोटे पासवान के आवासीय परिसर में बिजली चोरी का संदेह होने पर जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान दल ने पाया कि विद्युत मीटर के अतिरिक्त एक अवैध तार लगा हुआ था, जिसे छत से एक लड़की खींचकर हटाने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही कर्मचारियों ने परिसर की तलाशी शुरू की, छोटे पासवान का भाई राकेश पासवान लाठी लेकर मौके पर पहुंचा। आरोप है कि शराब के नशे में धुत्त राकेश ने कर्मचारियों को गालियां दीं और राकेश कुमार व लक्ष्मी रजक पर लाठी से हमला कर दिया।

जब असगर अली ने घटना का वीडियो बनाना शुरू किया तो राकेश पासवान ने उन पर ईंट फेंककर हमला किया। इसके बाद छोटे पासवान के अन्य परिजन भी मौके पर आ गए और पूरे जांच दल के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान स्थानीय लोगों की भीड़ भी जमा हो गई। जिसने जांच दल से जब्त उपकरण छीन लिए और उन्हें नष्ट कर दिया। असगर अली का मोबाइल फोन, जिसमें हमले का वीडियो रिकॉर्ड था, उसे तोड़ दिया।

हमलावरों ने जांच दल को धमकी दी कि यदि वे दोबारा गांव या आसपास के क्षेत्र में जांच के लिए आए, तो उनकी जान ले ली जाएगी। इस हमले में असगर अली को सिर और पैरों में, राकेश कुमार को सिर, आंख, पीठ और पैरों में, जबकि लक्ष्मी रजक को सीने और पैर में गंभीर चोटें आईं। इस दौरान राकेश कुमार की सोने की चेन और अंगूठी भी छीन ली गई।

घटना के बाद सभी घायल कर्मचारियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नूरसराय में भर्ती कराया गया, जहां उनका प्राथमिक इलाज किया गया। असगर अली ने नूरसराय थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें राकेश पासवान और अन्य अज्ञात हमलावरों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इनमें राजपत्रित पदाधिकारी और सरकारी कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज, मारपीट, जान से मारने का प्रयास, धमकी देना, सरकारी कार्य में बाधा डालना और साक्ष्य नष्ट करना शामिल है।

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