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    Tuesday, April 29, 2025
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      राजगीर में आंधी-तूफान से वन संपदा-पर्यटन स्थल को भारी नुकसान

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। बीते दिन अचानक आई तेज आंधी-तूफान और भारी वर्षा ने राजगीर प्रक्षेत्र में वन संपदा को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। मौसम विभाग के अनुसार हवा की गति लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। जिसके साथ हुई मूसलाधार बारिश ने जहां एक ओर पेड़-पौधों को नवजीवन प्रदान किया। वहीं दूसरी ओर कई क्षेत्रों में तबाही भी मचाई। तूफान के कारण गिरे पेड़ों ने सड़कों पर आवागमन को बाधित कर दिया। जबकि पर्यटन स्थलों पर बनी संरचनाओं को भी भारी क्षति पहुंची है।

      राजगीर के प्रसिद्ध घोड़ा कटोरा झील के पास पर्यटकों के लिए बनाई गई एक झोपड़ी तरह ध्वस्त हो गई। इसके अलावा रोपवे के समीप स्थित पानी की टंकी भी गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई। जू सफारी और नेचर सफारी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। सुभाष पार्क में कम से कम दस पेड़ों के गिरने की पुष्टि हुई है, जिसे वन विभाग ने सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक बताया है। नालंदा वन प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले 11 पार्कों में भी भारी नुकसान की सूचना है।

      हालांकि आपदा के तुरंत बाद वन विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए तीन विशेष टीमों का गठन किया, जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया गया। जेसीबी मशीनों की सहायता से इन टीमों ने महज एक घंटे के भीतर सभी प्रमुख सड़कों को साफ कर यातायात को सुचारू कर दिया।

      डीएफओ (वन संरक्षक) के अनुसार क्षति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है। सुरक्षा के मद्देनजर कुछ पार्कों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है। ताकि मरम्मत और सफाई का कार्य पूरा किया जा सके।

      राहत की बात यह है कि राजगीर के नेचर सफारी और जू सफारी को इस तूफान से कोई विशेष नुकसान नहीं पहुंचा है। वन विभाग ने पुष्टि की है कि दोनों सफारी स्थल सामान्य रूप से पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त निरीक्षण और रखरखाव का कार्य शुरू कर दिया गया है।

      फिलहाल वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में पेड़ों की दोबारा रोपाई और क्षतिग्रस्त संरचनाओं के पुनर्निर्माण की योजना बनाई है। डीएफओ ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें और वन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें। वे यात्रा से पहले अद्यतन जानकारी प्राप्त करें।

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