अतीत से एक कदम आगे निकला नालंदा, अब यहां हुए 4 प्रमुख विश्वविद्यालय

Nalanda has taken a step forward from the past, now there are 4 major universities here

नालंदा दर्पण डेस्क। आसन्न वर्ष 2024 नालंदा के लिए स्वर्णिम काल साबित हो रहा है। यह अतीत के गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा को दोहराते हुए आगे निकल गया है। प्राचीन काल में यहां तीन मुख्य विख्यात विश्वविद्यालय थे। उनमें केवल भारत और एशिया ही नहीं, बल्कि दुनिया के ज्ञानपिपासु ज्ञान अर्जन के लिए आते थे।

उन विश्वविद्यालयों की ख्याति जगजाहिर है। उनमें एक प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय था। दूसरा तिलाधक विश्वविद्यालय, तेल्हाड़ा और तीसरा उदंतपुरी विश्वविद्यालय बिहारशरीफ था। नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को विश्व धरोहर का दर्जा प्रदान किया गया है। उसे देखने के लिए दुनिया के लोग आज भी श्रद्धा से आते हैं। गुमनाम एवं जमींदोज तिलाधक विश्वविद्यालय का जीर्णोद्धार आरंभ हो गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल पर उसका उत्खनन कराया जा रहा है। लेकिन उदंतपुरी विश्वविद्यालय अभी भी जमीनदोज है। उस विश्वविद्यालय के उपर सरकारी और गैरसरकारी हजारों आलिशान अट्टालिकाओं का निर्माण किया गया है। केंद्र और राज्य की सरकार से उपेक्षित यह विरासत देश के इतिहासकारों और पुरातत्वविदों से भी उपेक्षित है। किसी भी इतिहासकार और पुरातत्वविदों के द्वारा इसके उत्खनन के लिए आवाज बुलंद नहीं किया गया है।

बात-बात पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने वाली राजनीतिक पार्टियां भी इसकी गरिमा से अनभिज्ञ है। नतीजा है कि वह जमीनदोज विरासत दुनिया के सामने आने के लिए अब भी सिसक रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण चैन की नींद सो रहा है।

वहीं 21वीं सदी का वर्ष 2024 अतीत के शैक्षणिक परंपरा को लांघ कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्व विख्यात ज्ञानपीठ नालंदा में दो विश्वविद्यालय है। इनमें एक नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1951 ईस्वी में हुई है। दूसरा नालंदा खुला विश्वविद्यालय है। 1986 में स्थापित नालंदा खुला विश्वविद्यालय का अपना आलिशान भवन नालंदा की सरजमीन पर बना है।

इसी प्रकार प्रकृति, संस्कृति, अध्यात्म व पर्यटन के लिए मशहूर राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के ध्वस्त होने के करीब 900 साल बाद इसकी स्थापना 21 वीं सदी के 2010 में हुई है।

चौथा बिहार खेल विश्वविद्यालय है। वर्ष 2018 में इसका शिलान्यास हुआ था और और 29 अगस्त 2024 को इसका उद्घाटन हुआ है। खेल विश्वविद्यालय के उद्घाटन होने के साथ ही नालंदा अतीत के शैक्षणिक इतिहास को पुनर्स्थापित करते हुए एक कदम आगे बढ़ा है।

प्राचीन काल से आगे बढ़कर ज्ञान भूमि नालंदा में एक साथ तीन नहीं चार विश्वविद्यालयों का संचालन होने लगा है। पुरानी रिकॉर्ड को तोड़कर नालंदा नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बिहार खेल विश्वविद्यालय राज्य का पहला खेल विश्वविद्यालय है।

नालंदा के इन चार विश्वविद्यालयों में दो राज्य सरकार और दो केंद्र सरकार के अधीन है। नालंदा विश्वविद्यालय का संचलन विदेश मंत्रालय और नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय का संचलन संस्कृति मंत्रालय से किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.