नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा स्थित तेल्हाड़ा म्यूजियम अपने आप में कई इतिहास छुपाए बैठा है। इसके निर्माण कार्य में 9.13 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 26 अक्टूबर, 2021 को म्यूजियम बनाने के कार्य का शुभारंभ हुआ था, जो 25 अक्टूबर, 2022 को समाप्त हो गया। म्यूजियम को पूरी तरह से स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में स्थापित किया गया है।
म्यूजियम के निर्माण में तिलाधक विश्वविद्यालय के भवनों की प्राचीनता को समावेश किया गया है। तेलहाड़ा टिलहे की खुदाई के क्रम में कई प्राचीन सामग्रियां मिली है, जिससे पता चला है कितिलाधक विश्वविद्यालय, नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी प्राचीन है।
मिले पाल, गुप्त और कुषाण कालीन मुद्राएं: यहां पाल कालीन के साथ गुप्तकालीन और कुषाण कालीन मुद्राओं के अलावा कई बेशकीमती सामान मिले हैं। अब तीसरी बार की खुदाई के लिए आरकेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी गई है। अनुमति प्राप्त होते ही तीसरे चरण की खुदाई होगी। जिसमें और भी सामग्रियां मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
म्यूजियम के परिसर में गार्ड रूम, टॉयलेट, टिकट काउंटर गैलरी के अलावे साउंड लेस भवन का निर्माण किया गया है। यह भवन पूरी तरह से वातानु