बेन (नालंदा दर्पण)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्री सरवन कुमार के गांव बेन में बतौर कार्य एजेंसी पंचायत समिति द्वारा क्रियान्वित योजनाओं में भी कम कागजी लूट-खसोंट नहीं है।
पिछले वित्तीय वर्ष में बेन पंचायत समिति ने बतौर कार्य एजेंसी तीन महत्वपूर्ण विकास योजना को पूर्ण किया गया है। पहली योजना जीपी बेन अंतर्गत ग्राम बेन के डेलुआ खंधा में अहदुजी के खेत से मथुरा साव के खेत तक अलंग निर्माण किया गया है।
यह योजना ग्रामीण बुनियादी ढांचा बाढ़ नियंत्रण और सुरक्षा के तहत पंचायत समिति द्वारा पूरी की गयी है। इस योजना की प्राक्कलन राशि 6,197,06 रुपए थी। जिसमें 5,30,058 रुपए का भुगतान हो चुका है। इसमें 2,3,71 मानव कार्य दिवस का उपयोग हुआ है। यानि मनरेगा के तहत निबंधित जॉब कार्डधारी से काम लिया गया है।
वहीं दूसरी योजना ग्राम सौरे में नेशनल स्कूल से बड़का खंधा होते हुए जयतिचिरा तक पइन उड़ाही का कार्य किया गया है। यह योजना सूक्ष्म कार्य सिंचाई के तहत पंचायत समिति द्वारा पूरी की गई है।
इस योजना की प्राक्कलन राशि 7,88,048 रुपए थी। जिसमें 6,78,798 रुपए का भुगतान हो चुका है। इसमें 2,994 मानव कार्य दिवस का उपयोग किया गया है।
वहीं, तीसरी योजना ग्राम सौरे पोखर पर स्कूल से शीतल परी पुल एवं बड़की परी तवर तक पइन खुदाई का कार्य किया गया है। यह कार्य प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से संबंधित सार्वजनिक कार्य सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत पंचायत समिति द्वारा पूरा किया गया है।
इस योजना की प्राक्कलन राशि 7,40,000 रुपए थी। जिसमें कुल 6,86,736 रुपए की राशि का भुगतान कर दिया गया है। इस कार्य को पूरा करने में कुल 3,012 मानव कार्य दिवस का उपयोग किया गया है।
सच पुछिए तो उपरोक्त तीनों योजनाओं में कार्य एजेंसी पंचायत समिति ने बिचौलियों और विभागीय अफसरों की सांठगांठ से भारी अनियमिता बरती गई है। यहां सरकारी राशि की खुलकर बंदरबांट हुआ है। बिना कार्य किए जॉब कार्डधारियों के फर्जीबाड़ा का रिकार्ड बना है सो अलग।
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