इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर प्रखंड के वरदाहा पंचायत के प्रमानंदपुर गांव के ग्रामीण विकास के मामले में काफी पीछे चल रहे हैं। इसलिए वे आसन्न पंचायत चुनाव में बदलाव के मूड में हैं। निवर्तमान मुखिया का तो वे नाम तक सुनना पंसद नही कर रहे।
ग्रामीण कौशलेंद्र कुमार, छोटे चौहान, ईश्वरी यादव, डोमन चौहान, गौरी शंकर, रंजीत यादव, राजु यादव आदि ने बताया कि इस पंचायत के यह गांव वार्ड संख्या 12 के अंतर्गत आता है।
उन्हें पंचायती राज कायम होने के वाद आशा जगी थी कि इस गांव की सूरत बदल जाएगी। मगर चुनाव के समय छुटभैया नेतागण के साथ चुनाव लडने वाले प्रत्याशी आते है और विकास के लुभावने वादे कर मतदाताओं ठग कर चले जाते हैं।
ग्रामीणों के अनुसार प्रमानंद गाँव की अबादी सवा सौ लोगों की है। कई बार पंचायत प्रतिनिधि का ध्यान नली-गली बनवाने की ओर आकृष्ट कराया गया। तब जाकर यहाँ नाली-लगी का निर्माण तो शुरु हुआ, लेकिन लूट-खसोंट के कारण परेशानी और भी बढ़ गई।
यहाँ आधा अधूरा नाला का निर्माण कर उसे गली से उंचा कर दिया गया है। जिसके कारण नाला से उचा मकान वालों का पानी नाला में गिरता है। परंतु जिनका नाला से नीचे मकान है, उन काफी नारकीय जीवन जी रहे हैं।
हालत यह है कि नाला से गली नीचा रहने के कारण हल्की बारिश में ही गली कीचड़मय हो जाती है। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में काफी कठिनाई होती है। बच्चे और महिलाएं घर में ही कैद रहते हैं। उन्हें असहनीय गंदगी भरे कीचड़मय रास्ता से गुजरना पड़ता है।
यहाँ न तो कोई जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं की सुध लेने वाला है और न ही अफसर। अब चुनावी विगुल बजते ही सब मतदाताओं की चौखट पर दौड़ने लगे हैं।
इतना ही नहीं, इस गांव में सरकारी विद्यालय भी नहीं है। आंगनबाडी केंद्र में ग्रामीण के बच्चे पढ़ते है। सात निश्चय के तहत नल से जल की सुविधा ग्रामीणों के बीच उपलव्ध करवाया तो गया, लेकिन आंधी पानी मे टंकी क्षतिग्रस्त हो जाने कारण मोटर से कनेकशन जोड़कर पानी की सप्लाई की जाती है। जो भी यहाँ-वहाँ बहता रहता है। उसे भी देखने वाला कोई नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि इस पंचायत में परिवर्तन का लहर चल रहा है और विकास के नाम पर छलावा देने वालों को इस पंचायती चुनाव में ग्रामीण मतदाता निवर्तमान मुखिया को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।