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    Sunday, February 16, 2025
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      वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड कॉरिडोर से मिलेगी नई रफ्तार, दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

      वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में एक बड़ी छलांग है। यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि 4 राज्यों के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी…

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। वाराणसी से हावड़ा के बीच एक हाई स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत के चार प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने का काम करेगी। बुलेट ट्रेन के नाम से चर्चित इस परियोजना की लंबाई लगभग 799 किलोमीटर होगी और यह 13 प्रमुख स्टेशनों से होकर गुजरेगी।

      बिहार के गया जिले में बुलेट ट्रेन का मुख्य स्टेशन बनाए जाने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए 75 किलोमीटर भूमि का सर्वे पूरा कर लिया गया है। जमीन चिन्हित करने के साथ-साथ प्रभावित किसानों और जमीन मालिकों से मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में जमीन अधिग्रहण, परियोजना के नक्शे और योजनाओं की जानकारी दी गई।

      गया के मानपुर क्षेत्र को इस हाई स्पीड रेल का प्रमुख स्टेशन बनाने की योजना है। अधिकारियों ने बताया कि बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जबकि औसतन यह 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। इससे वाराणसी से हावड़ा तक का सफर मात्र 3-4 घंटे में पूरा हो सकेगा।

      हाई स्पीड रेल कॉरिडोर वाराणसी, बक्सर, आरा, जहानाबाद, गया, कोडरमा, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान, दानकुनी और हावड़ा जैसे प्रमुख स्टेशनों को जोड़ेगा। इससे पूरे क्षेत्र में आवागमन तेज और सुविधाजनक होगा।

      हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि इसके आसपास के इलाकों में विकास को नई दिशा मिलेगी। गया और उसके आसपास के क्षेत्र औद्योगिक, व्यापारिक और पर्यटन के हब के रूप में उभर सकते हैं।

      हालांकि जमीन अधिग्रहण को लेकर स्थानीय निवासियों में मिलाजुला रुख देखने को मिला है। बैठक में जमीन मालिकों ने मुआवजे और पुनर्वास को लेकर अपनी चिंताएं साझा कीं। सभी प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और उनकी सहमति के बिना कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।

      बुलेट ट्रेन परियोजना बिहार के लिए एक बड़ी सौगात मानी जा रही है। यह न केवल राज्य को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। गया में स्टेशन बनने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। जिससे स्थानीय रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

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