राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के खेल जगत में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राज्य सरकार ने बिहार खेल अकादमी में 103 खेल प्रशिक्षकों (कोच) की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी है, जिसका उद्देश्य राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा यह प्रक्रिया 3 अक्टूबर से 14 नवंबर तक जारी रहेगी, जिसमें अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
कोच नियुक्ति का उद्देश्य: बिहार में खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें सही दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने कोच के 200 पदों का सृजन किया है। फिलहाल 25 विभिन्न खेलों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जिसमें से सबसे अधिक 15 कोच एथलेटिक्स के लिए होंगे। वहीं पारा स्विमिंग के लिए केवल 1 कोच की बहाली होगी।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा लॉन्च किए गए कोच हायरिंग पोर्टल के माध्यम से खेल प्रशिक्षकों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है। यह नियुक्ति अनुबंध पर आधारित होगी और नियुक्त प्रशिक्षकों का सेवा विस्तार उनके प्रदर्शन और सेवा मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा।
25 खेलों के लिए कोच नियुक्ति: इस भर्ती में एथलेटिक्स, पारा एथलेटिक्स, फुटबॉल, कबड्डी, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, बॉक्सिंग, शूटिंग, स्विमिंग, ताइक्वांडो, वॉटर स्पोर्ट्स, आर्चरी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, साइकिलिंग, शतरंज, फेंसिंग, हॉकी, रग्बी, पारा स्विमिंग, सेपक टकरा, टेबल टेनिस और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग जैसे खेलों में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है।
महिला एशियाई हॉकी चैंपियनशिप का आगाज़: इस नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत उस समय हुई है जब 11 से 20 नवंबर के बीच पर्यटक शहर राजगीर में महिला एशियाई हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी का आयोजन होने जा रहा है। इस आयोजन से पहले 38 जिलों में ट्रॉफी टूर का आयोजन किया जाएगा, जिससे राज्यभर के लोग इस बड़े खेल आयोजन के बारे में जान सकेंगे।
महत्वपूर्ण पहलू:
- आवेदन की अवधि: 3 अक्टूबर से 14 नवंबर 2024 तक।
- नियुक्ति अनुबंध पर: नियुक्त प्रशिक्षकों को एक साल के अनुबंध पर रखा जाएगा, जिसमें उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा।
- खेलों का दायरा: एथलेटिक्स से लेकर पारा स्विमिंग तक कुल 25 खेलों में प्रशिक्षकों की मांग की जा रही है।
इस पहल से बिहार के खेल जगत को नई दिशा मिलेगी। प्रशिक्षकों की नियुक्ति से खिलाड़ियों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया जाएगा। इस पहल से बिहार खेल अकादमी राज्य का प्रमुख खेल प्रशिक्षण केंद्र बनकर उभरेगा।
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