बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। Big action by Bihar Vigilance Department: पटना निगरानी विभाग ने विभिन्न सरकारी स्कूलों में अवैध तरीके से नियुक्त हुए शिक्षकों के विरुद्ध फिर एक बड़ी कार्रवाई की है। निगरानी विभाग के जांचकर्ता पुलिस निरीक्षक लाल मुहम्मद ने प्रखंड नियोजन इकाई के द्वारा बहाल पांच शिक्षकों के विरुद्ध सिलाव थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। जिससे पूरे जिले के फर्जी नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
निगरानी विभाग की इस कार्रवाई में सिलाव प्रखंड नियोजन इकाई एवं राजगीर प्रखंड नियोजन इकाई के शिक्षक और शिक्षिकाएं शामिल हैं। निगरानी विभाग द्वारा दर्ज प्राथमिकी में सिलाव प्रखंड नियोजन इकाई के प्राथमिक सह मध्य विद्यालय दरिया सराय के शिक्षक मुकेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर की शिक्षिका पूनम कुमारी, मध्य विद्यालय सिथौरा में पदस्थापित शिक्षक सच्चिदानंद कुमार, मध्य विद्यालय जुनैदी में पदस्थापित शिक्षिका विभा कुमारी, मध्य विद्यालय सिथौरा के शिक्षक धनंजय कुमार के नाम शामिल हैं।
निगरानी विभाग के जांचकर्ता पुलिस निरीक्षक लाल मुहम्मद के द्वारा बताया गया है कि नालंदा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सिलाव प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा राजगीर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए शिक्षकों के फोल्डर में शामिल प्रमाणपत्रों की जांच में इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में विसंगतियां पायी गयी है। अन्य प्रमाणपत्र की जांच में सत्यापन प्रतिवेदन गलत पाया गया है। उक्त शिक्षकों के द्वारा धोखाधड़ी कर नियुक्ति पत्र हासिल किया गया है।
सिलाव प्रखंड क्षेत्र में 127 फर्जी शिक्षकों हुए हैं चिह्नितः पहले मिली शिकायत के आधार पर तात्कालीक जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार के द्वारा तात्कालीक डीपीओ पूनम कुमारी के माध्यम से सिलाव प्रखंड के नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई थी।
उन्होंने उन दिनों कुल 127 नियोजित शिक्षकों को फर्जी शिक्षक के रूप में चिन्हित किया था। हालांकि जांच पूरी नहीं हुई थी और विभाग द्वारा इस पर रोक लगा दिया गया था इसके बाद निगरानी विभाग के द्वारा नियोजित शिक्षकों की जांच शुरू की गयी थी।
अन्य कई फर्जी नियोजित शिक्षकों पर हुई कार्रवाईः सिलाव प्रखंड क्षेत्र में चिन्हित 127 शिक्षकों के अलावा भी कई फर्जी नियोजित शिक्षक पकड़े गए हैं तथा निगरानी विभाग के द्वारा लगभग दो दर्जन से अधिक फर्जी नियोजित शिक्षकों पर प्राथमिक की भी दर्ज करायी गयी है।
वहीं जांच शुरू होने के साथ ही कई फर्जी नियोजित शिक्षकों के द्वारा स्वेच्छा से त्यागपत्र भी दे दिया गया था। अब एक साथ पांच फर्जी नियोजित शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने से जिले के अन्य फर्जी नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
हालांकि अभी भी अन्य फर्जी शिक्षकों की गुत्थी सुलझाने में निगरानी विभाग जुटा हुआ है। लगातार निगरानी विभाग का शिकंजा कसे जाने से एक बार फिर अवैध तरीके से पदस्थापित शिक्षकों में खलबली मच गयी है। निगरानी विभाग जल्द ही जिले के दर्जनों फर्जी नियोजित शिक्षकों के खिलाफ थाना में एफआईआर दर्ज करवा सकती है।
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