बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग द्वारा जारी नई शिक्षक नियमावली पर पुरुष शिक्षकों की आपत्ति के बाद विभाग बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर रहा हैं। अब सूबे के प्रत्येक जिले में 3 से 5 प्रखंडों को मिलाकर एक शैक्षणिक अनुमंडल बनाए जाने की योजना पर काम हो रहा हैं। इस निर्णय का उद्देश्य नई नियमावली के तहत शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया लागू करना हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग जल्द ही प्रत्येक जिले में तीन से पांच शैक्षणिक अनुमंडल बनाएगा। यह व्यवस्था उन जिलों में भी लागू होगी, जहां जमुई जैसे जिले में एक ही अनुमंडल हैं। नई व्यवस्था के तहत पुरुष शिक्षकों की पोस्टिंग उनके आवासीय शैक्षणिक अनुमंडल से बाहर के अनुमंडल में की जाएगी, जबकि महिला शिक्षकों की पोस्टिंग उनके पंचायत से बाहर के पंचायत में होगी।
बता दें, पुरुष शिक्षकों की आपत्ति रही है कि वे अपने घर से कई किलोमीटर दूर स्थानांतरण होने से वे परेशान होंगे। उन्हें भी महिला शिक्षकों की तरह पास के प्रखंडों में ही स्थानांतरण किया जाना चाहिए। इसी आपत्ती को देखते हुए शिक्षा विभाग ने प्रखंडों को मिलाकर अलग शैक्षणिक अनुमंडल बनाने की योजना बना रहा हैं, ताकि शिक्षकों की स्थानांतरण में संतुलन बना रहे।
इधर शिक्षा विभाग द्वारा ई-शिक्षाकोष पोर्टल को भी अपडेट करने की योजना हैं। नवंबर की शुरुआत तक इस पोर्टल में नए फीचर्स जोड़े जाएंगे, जिनमें शिक्षक अपने स्थानांतरण की पसंदीदा 10 जगहों का विकल्प चुन सकेंगे। सॉफ्टवेयर के आधार पर स्थानांतरण की प्रक्रिया स्वचालित होगी और किसी भी तरह की मैन्युअल हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षक अपनी छुट्टियों और उपस्थिति की जानकारी भी पोर्टल पर देख सकेंगे।
यह भी बताया जाता है कि शैक्षणिक अनुमंडल की रूपरेखा 16 अक्टूबर तक तैयार हो जाएगी और 17 अक्टूबर को सूची जारी की जाएगी। स्थानांतरण की प्रक्रिया दिसंबर के मध्य या जनवरी के प्रारंभ में की जाएगी, जब विद्यालय बंद होंगे। यह बदलाव पुराने राज्य कर्मी शिक्षक, बीपीएससी शिक्षक और सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों सभी पर लागू होगा।
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