नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के तहत नियुक्त एक शिक्षक के आवेदन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को हैरान कर दिया है। मामला पटना जिले के मोकामा प्रखंड स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय मरांची का है, जहां गणित विषय के शिक्षक मुकेश कुमार द्वारा जमा किए गए एक आवेदन में गंभीर त्रुटियों ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया। DEO संजय कुमार ने इसे शिक्षक की लापरवाही और अध्यापन के प्रति उदासीनता का प्रतीक मानते हुए कड़ा रुख अपनाया है और शिक्षक से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है।
दरअसल, मुकेश कुमार ने एक प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए DEO कार्यालय को आवेदन भेजा था। इस आवेदन की जांच के दौरान DEO को पता चला कि 15 पंक्तियों के इस दस्तावेज में 9 से अधिक शब्दों में वर्तनी की गलतियां थीं। DEO संजय कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षक को नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि मुकेश कुमार न तो अध्ययन-अध्यापन में रुचि रखते हैं और न ही कक्षा में बच्चों को सही तरीके से पढ़ाते हैं।
DEO ने अपने पत्र में लिखा है कि आपके आवेदन में की गई अशुद्धियां यह संकेत देती हैं कि आप शिक्षण कार्य के प्रति गंभीर नहीं हैं। ऐसा लगता है कि आप वर्ग कक्ष में बच्चों के साथ अध्यापन कार्य सही तरीके से नहीं करते होंगे। इसके साथ ही शिक्षक को अपना पक्ष रखने के लिए तत्काल प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया गया है। अन्यथा उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
DEO द्वारा जारी पत्र में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि यह मामला न केवल शिक्षक की व्यक्तिगत लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाता है। पत्र की एक प्रति निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार को भी सूचना के लिए भेजी गई है। DEO ने यह भी संकेत दिया कि यदि समय पर जवाब नहीं मिला तो शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इस घटना ने शिक्षक समुदाय में बहस छेड़ दी है। कुछ शिक्षकों का मानना है कि यह एक छोटी सी चूक को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। जबकि अन्य का कहना है कि शिक्षकों से उच्च स्तर की सावधानी और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जानी चाहिए। एक स्थानीय शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर एक गणित शिक्षक अपने आवेदन में इतनी गलतियां कर सकता है तो बच्चों को क्या सिखाएगा?
DEO संजय कुमार ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। अगर वे खुद ही लापरवाह होंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? DEO ने यह भी संकेत दिया कि इस तरह के मामलों की जांच के लिए आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
बहरहाल, मुकेश कुमार को अब अपने पक्ष में प्रतिवेदन जमा करना होगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उनके खिलाफ निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इस बीच शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को अपने कार्यों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। यह घटना एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और जवाबदेही के सवाल को सामने लाती है। नीचे देखिए वह आवेदन पत्र की तस्वीर, बीपीएससी शिक्षक मुकेश कुमार द्वारा लिखे गए थे…

- राजगीर-किउल-राजगीर सवारी गाड़ी का विस्तार, जानें डिटेल
- Bihar Domicile Policy: पूर्व शिक्षा मंत्री ने केके पाठक पर लगाया बड़ा आरोप
- अब ई-रिक्शा से स्कूल नहीं जा सकेंगे स्कूली बच्चे, पुलिस करेगी कार्रवाई
- फ्रॉडगिरी पड़ा महंगा: ACS सिद्धार्थ ने सभी DPM-BPM-BRP को हटाया
- इंटर फेल परीक्षार्थियों BSEB का सुनहरा अवसर, 8 अप्रैल तक भरें फॉर्म
ऐसे शिक्षक ही बहाल होंगे बिहार में क्यूंकि यहाँ टैलेंट कि कद्र नही है यहाँ पैसे पैरवी और जातिवाद कि अविरल धारा बहती है गरीब और टैलेंटेड के लिए या तो नौकरी में जगह नही है और अगर जगह हो भी जाये तब तक उम्र ख़तम हो जाती है उच्च जाति के बहुत सारे गरीब और टैलेंटेड लोग दर दर भटकने को मजबूर है
मीडिया वाले से आग्रह है कि इस बात को ना दर्शाया जाये