नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार राज्य मंत्रिपरिषद से नालंदा जिले के चंडी में 132/33 केवी के एक ग्रिड उपकेन्द्र निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। दो 50 एमबीए के ट्रान्सफार्मर की क्षमता वाले इस प्रस्तावित ग्रिड उपकेन्द्र से चंडी के निकतवर्ती क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति की जाएगी।
इस ग्रिड उपकेन्द्र के निर्माण होने से इन क्षेत्रों में न केवल बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि कम वोल्टेज की समस्या का निराकरण भी होगा। इससे विद्युत उपभोक्ताओं को 24×7 निर्बाध एवं गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा में स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के दौरान चण्डी में एक ग्रिड उपकेन्द्र के निर्माण की आवश्यकता बताई गयी थी। जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा त्वरित कार्रवाई करने हेतु निदेश दिया गया।
बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव द्वारा बिहार स्टेट पावर ट्रान्समिशन कंपनी लिमिटेड को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के साथ यथाशीघ्र स्थलीय सर्वेक्षण एवं तकनीकी आकलन कर डी०पी०आर० बनाने का निदेश दिया गया।
ऊर्जा मंत्री द्वारा बताया गया कि इस ग्रिड उपकेन्द्र का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा से पहले पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस द्वारा बताया गया कि इस ग्रिड उपकेन्द्र से 33 केवी स्तर पर चण्डी, नगरनौसा, नूरसराय थरथरी भोभी (प्रस्तावित) एवं सिरनामा (प्रस्तावित) स्थित कुल 06 शक्ति उपकेन्द्रों को जोड़ा जाएगा।
इससे न केवल इन शक्ति उपकेन्द्रों को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति होगी बल्कि हरनौत बड़ी पहाड़ी एवं एकंगरसराय ग्रिड उपकेंद्र ऑफलोड भी होंगे।
132 केवी स्तर पर चण्डी ग्रिड उपकेन्द्र से 220 / 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र अस्थावां एव 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र हरनौत को संचरण लाईन के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इससे नालन्दा जिला में विद्युत संचरण प्रणाली और सुदृढ होगी। इस ग्रिड उपकेन्द्र एवं सम्बद्ध संचरण लाईनों के निर्माण में कुल 129 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत आयेगी।