नालंदा दर्पण डेस्क। पिछले दस महीने से तीन काले कृषि बिल को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली और यूपी बार्डर पर डेरा जमाएं लाखों किसान अब आर पार की मूड में आ गए हैं।
आज पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत हो रहा है। जो हर मायने में ऐतिहासिक होने जा रहा है। इस महापंचायत के लिए देश के कोने-कोने से किसान मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं। इसमें नालंदा जिले से भी हजारों की संख्या में किसान पहुंचे हुए हैं।
नालंदा से जुडे विभिन्न किसान संगठनों ने मुजफ्फरनगर में डेरा जमा लिया है।बिहारी कृषि परिवार की ओर से भी किसानों का जत्था पहुंच गया है।
नालंदा के चंडी और नगरनौसा से किसान आंदोलन में सक्रिय धर्मेंद्र कुमार भी मुजफ्फरनगर पहले से ही पहुंचे हुए हैं। उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी को अपने संतानों को आजाद रखने की चाह है तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे नालंदा में हैं या मुजफ्फरनगर में। गांधी जी ने ‘करो या मरो का’ नारा दिया था। आज एक बार फिर से वही दृश्य यहां दिख रहा है।
धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि किसान महापंचायत हर तरह से ऐतिहासिक होगा। नालंदा के हर गांव से किसान यहां आएं हुए हैं। यह महापंचायत किसानों की अस्मिता से जुड़ीं हुईं हैं।
बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर रविवार को मुजफ्फरनगर में यह महापंचायत बुलाई गई है। जिसमें तीस लाख किसान पहुंचेंगे।
इस महापंचायत की एक खास बात यह भी होगी कि अपने बड़े भाई और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के साथ किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैत पहली बार मंच साझा करेंगे। जीआईसी मैदान पर होने वाली इस महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानों का पहुंचना जारी है।
भाकियू प्रवक्ता ने बताया कि महापंचायत के मंच का सीधा प्रसारण करने के लिए बड़े-बड़े स्क्रीन लगाए जा रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर वासियों से कहा कि बाहर से आने वाले सभी मेहमानों की हमें अपनी परंपरा के मुताबिक मेहमान नवाजी के लिए तैयार रहना है। शहर के दुकानदार भाई भी पंचायत में आने वाले लोगों का ख्याल रखें, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि आज होने वाली इस महापंचायत में किसानों के हितों में आन्दोलन जारी रहेगा। करीब नौ माह से उनका आन्दोलन जारी है। आज होने वाली इस महापंचायत में कृषि कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। इस पंचायत में सभी राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा खाप पंचायत के लोग भी आयेंगे।
उन्होंने किया स्पष्ट किया कि इस पंचायत में केवल किसान ही मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि महापंचायत की तैयारियों में जिला प्रशासन के साथ उनका तालमेल रहेगा।
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