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    Tuesday, April 30, 2024
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      नालंदाः गांवों में चुलौआ तो शहरों में अंग्रेजी शराब की धूम, कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति

      नालंदा दर्पण डेस्क। शराब, शराब और शराब। जहां देखिये सिर्फ इसी की चर्चा। एक तरफ लोग तड़प-तड़पकर मर रहे हैं। दूसरी तरफ पीने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। गांव-गांव में भट्ठी सुलग रही है। चुलौआ शराब का निर्माण कुटीर उद्योग बन गया है। जिले का ऐसा कोई प्रखंड नहीं है जहां शराब का धंधा नहीं चल रहा है।

      ISLAMPUR VILLAGE WINE CRIME 1हर गांव में उपलब्ध है शराब: सूची में दिये गये गांव सिर्फ एक नमूना है। लोगों की माने तो कोई ऐसा गांव नहीं है जहां शराब उपलब्ध नहीं है।

      अनुमान के अनुसार जिले के 50 फीसद से अधिक गांवों में शराब चुलाई जा रही है। जिस गांव में शराब चुलाने का काम नहीं होता है वहां दूसरे गांव से धंधेबाज आकर बेचते हैं।

      चंडी, हिलसा व थरथरी के कुछ गांवों में बड़े पैमाने पर शराब निर्माण हो रहा है। यहां से दूसरे प्रखंडों व जिलों में शराब की सप्लाई हो रही है। कुछ लोग ने अंग्रेजी शराब पैक होने का भी दावा करते हैं। सुदूरवर्ती गांवों को छोड़ दें तो शहरों के आसपास भी शराब चुलाई जा रही है।

      दीपनगर व सोहसराय थाना क्षेत्र के कई गांवों में यह धंधा जोरों पर है। शहरों में चुलौआ शराब बकायदा पॉलीथीन में पैक कर बेची जा रही है। 200 ग्राम का पैक। इसी तरह की शराब से छोटी पहाड़ी में दर्जनभर मौतें हुई थी।

      ISLAMPUR VILLAGE WINE CRIME 2गांव के बाहर होता है शराब का निर्माण: ज्यादातर गांव के बाहर या सुनसान इलाकों में शराब चुलाई जाती है। नदियों के किनारे इनके लिए मुफीद हैं।

      जिले के सीमावर्ती इलाकों में भी शराब का निर्माण हो रहा है। धंधेबाज छोवे को घोल को खेतों में गाड़ देते हैं। पुलिस के आने की भनक भी पहले ही लग जाती है।

      छापेमारी के बाद पुलिस लौटती है तो फिर से निर्माण चालू। इसे बोतल में या पॉलीथीन में पैक कर बेचा जा रहा है।शराब माफिया इतने सशक्त हैं कि आम ग्रामीण उनका विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।

      अंग्रेजी शराब की होम डिलीवरी: शहरों में अंग्रेजी शराब के शौकीन अधिक हैं। सभी प्रखंड मुख्यालयों में यह आसानी से उपलब्ध है। होम डिलीवरी की सुविधा है।

      कॉल करें, शराब आपके घर में हाजिर। डिलीवरी में किशोर उम्र के लड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनपर किसी को शक नहीं होता।

      जिले में अभी सबसे अधिक फ्रूटी पैक अंग्रेजी शराब मिल रही है। अलग-अलग ब्रांडों की 180 एमएल की एक पैकेट 250 से 300 रुपये में। अधिक रुपये खर्च करने पर सभी ब्रांडों की शराब मिल जाएगी।

      साधारण ब्रांड की बोतल 1200 से 1500 रुपये में। महंगे ब्रांड के लिए अधिक रुपये। पीने वाले यह भी स्वीकार करते हैं अभी बाजार में मिल रही 90 फीसद अंग्रेजी शराब नकली है। इसके बाद भी लोग पीने से बाज नहीं आते।NALANDA KATRISARAI WINE CRIME 2

      सप्लाई के लिए बना है चेन: जिले में कुछ ही बड़े धंधेबाज हैं जो बाहर से शराब मंगा रहे हैं या नकली शराब के निर्माण में लगे हैं। चर्चा है बख्तियारपुर, कतरीसराय से लगे नवादा जिले के सीमावर्ती इलाके, चंडी में नकली अंग्रेजी शराब बन रही है।

      आमतौर पर ऐसा होता है कि बिहारशरीफ के सभी छोटे-छोटे धंधेबाजों के पास एक समय में एक ही ब्रांड की शराब होती है। यानि एक ही धंधेबाज पूरे शहर में शराब की सप्लाई करता है। इससे लगता है कि सप्लाई के लिए चेन बना है। हर मोहल्ले में एक एक दो छोटे धंधेबाज हैं जो होम डिलीवरी कर रहे हैं।

      हिलसा और राजगीर में भी कमोबेश यही स्थिति है। हरनौत बाजार हो या इस्लामपुर, एकंगरसराय, गिरियक, सिलाव सभी शहरों में घर बैठे अंग्रेजी शराब मिल रही है।

      बड़े धंधेबाज पुलिस की रडार: हालांकि जिले के बड़े शराब धंधेबाज पुलिस की रडार पर हैं। मुख्यमंत्री भी बड़े धंधेबाजों को पकड़ने का निर्देश दे चुके हैं। सूबे के कई बड़े धंधेबाजों पर ईडी जैसी एजेंसिजेंयां भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

      nalanda wine crime silao psनालंदा में अभी ऐसी कोई चर्चा नहीं है। यहां तो ज्यादतर लीटर-डेढ़ लीटर चुलौआ शराब ही पकड़ाती है। महीने-दो महीने में अंग्रेजी शराब की बड़ी खेप जब्त होती है।

      इनमें भी ज्यादातर गाड़ी के चालक-खलासी पकड़े जाते हैं। धंधेबाजों को पुलिस पकड़ नहीं पाती। चर्चा तो यह भी है कई धंधेबाज झारखंड व दूसरे राज्यों में बैठकर बिहार में शराब भेज रहे हैं।

      हालांकि नालंदा जिला का शायद ही कोई ऐसा गाँव हो, जहाँ चुलौआ शराब का धंधा कुटीर उद्योग का रुप न ले चुका हो, फिर भी खबरों के मुताबिक नालंदा जिले में जिन थाना क्षेत्रों के गाँवों में धड़ल्ले से चुलौआ शराब का निर्माण-बिक्री जारी है, उनमें प्रमुख गाँव हैं…

      हरनौतः तेलमर, नेमचंदबाग-मुसहरी

      नूरसरायः हड़ौल, सिरसिया बिगहा, जगदीपुश-तियारी, डोइया रहुई – गोबरिया, बलिया बिगहा, जगनंदनपुर, मननकी

      अस्थावांः अकबरपुर, तरवन्नी, चिश्तीपुर, लखनु बिगहा, कोदइया बिगहा

      बिन्दः बिन्द बाजार, जखौर, नीरपुर, जक्की, अल्लीपुर, बरहोग, खानपुर

      सरमेराः पेंदी, छोटी मलावां, बसेढ़तर, पुरानी इसुआ

      राजगीरः नई पोखर, मार्क्सवादी नगर, साइडपर, रामहरिपिंड, ठाकुरस्थान, पिलखी

      सिलावः गणेश बगीचा, मितमा, नेपुरा, करियन्ना, नानंद, पनहेस्सा, सब्बैत-मुसहरी

      गिरियकः पोखरपुर, इसुआ, घोसरावां, पुरी, दुर्गापुर, कायमपुर

      कतरीसरायः अहियाचक, जवाहरचक, मायापुर, कतरीडीह, मैरा-बरीठ, रसलपुर

      बेनः बड़ी आट, छोटी आट, कृपागंज, बेनिया बिगहा

      हिलसाः बलवापर, मदारपुर, बलभद्रसराय, खोरमपुर, सिपारा

      करायपरसुरायः सलेमपुर, चित्तर बिगहा, डियावां, करायपरसुराय महादलित टोला, बेरथू, फुल्लीपर, अब्बुपुर

      चंडीः कचलपुर-गंजपर, नरसंडा, बहादुरपुर, सतनाग, भगवानपुर-मुसहरी, गुंजरचक

      नगरनौसाः दरियापुर, मुसहरी, मुरदलीचक

      थरथरीः अतबलचक, पलटू बिगहा, रुपसपुर

      परवलपुरः कतरुबिगहा, राणा बिगहा-मुसहरी, मठियापर, फतेहपुर

      इसलामपुरः खटोलना विगहा, इचहोस तकियापर, फजीलापुर, खरजमा

      खुदागंजः वरदाहा, वौरीसराय मुसहरी टोला, विष्णु वगीचा, अर्जुन सेरथुआ सराय

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