किशोर पर पहले से भी हिलसा थाना में आर्म्स और उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। किशोर के पिता पर भी हिलसा थाने में हत्या का मामला दर्ज है…
नालंदा दर्पण डेस्क। किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए शुक्रवार को पिस्तौल दिखाकर दवा दुकानदार को धमकाने और रंगदारी मांगने के दोषी किशोर को तीन साल की सजा सुनायी है। सजा का मुख्य आधार सीसीटीवी फुटेज बना है।
सीसीटीवी फुटेज में किशोर का अपराध करने का तरीका पिस्तौल लहराते हुए बीच बाजार में लोगों को डराते-धमकाते व दहशत कायम करते गतिविधि कैद है।
घटना के समय किशोर की उम्र 17 वर्ष थी और उसने एक अन्य व्यस्क अपराधी के साथ आपराधिक घटना को अंजाम दिया था।
जेजेबी जज ने धारा 387 में तीन साल और आर्म्स एक्ट में 3 साल किशोर को आवासित रखने का आदेश दिया है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी।
पूर्व में न्यायिक हिरासत में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित कर दी जायेगी। विशेष गृह पटना के अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह आवासन अवधि में किशोर की पढ़ाई, कौशल विकास पर विशेष ध्यान दें। समय-समय पर मनोचिकित्सक से काउंसलिंग कराने का भी निर्देश दिया गया है।
चूकि किशोर के सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट में भी उसके आपराधिक इतिहास का जिक्र है। वह 14 सितम्बर 21 से ही न्यायिक हिरासत में है। अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी जयप्रकाश ने पक्ष रखा।
मामला चिकसौरा थाना क्षेत्र से संबंधित है। सूचक द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के अनुसार वह अपने मकान में ही मेडिकल की दुकान चलाता है।
बीते 17 अगस्त की दोपहर 12 बजे आरोपी किशोर एक अन्य सहयोगी के साथ दुकान पर आया और गाली-गलौज करते हुए सूचक पर पिस्तौल तान दिया और कहा कि दुकान चलाना है तो 25 हजार रंगदारी देनी होगी। उसने पिस्तौल लहराते हुए फायर किया। कुछ समय पहले दुर्गा स्थान के पास बाजार में भी पिस्तौल लहराया था।
Comments are closed.