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    Thursday, March 27, 2025
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      अब वज्रपात के 40 मिनट पहले बजेगा चेतावनी का हूटर, दूर-दूर तक सुनाई देगी आवाज

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। ठनका यानि आसमानी बिजली या वज्रपात गिरने की घटनाएं नालंदा में भी बढ़ती जा रही है। पिछले साल रिकॉर्ड काफी लोगों की मौत वज्रपात से हुई थी। यही कारण है कि जिले को वज्रपात मामले में अति संवेदनशील घोषित किया गया है। इसके बाद जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने कई अहम निर्णय लिये हैं।

      अब नालंदा जिले की सभी पंचायतों में वज्रपात की पूर्व जानकारी देने वाली मशीनें लगायी जाएंगी। इसके कारण ठनका गिरने से 40 मिनट पहले ही हूटर बजेगा। हूटर मशीनें स्थापित करने के लिए जिला स्तर से विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। छूटर बजने की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई देगी। इससे लोग अलर्ट हो जायेंगे।

      आपदा प्रबंधन एडीएम मो. शफीक के अनुसार ठनका से होने वाली जान-माल की क्षति को कम करने के लिए विभाग अलर्ट है। उनका से बचाव के लिए जिले में हूटर स्थापित किये जाने का प्रस्ताव विभाग को भेजा जायेगा। हूटर स्थापित होने से उनका गिरने से होने वाली जान-माल की क्षति कुछ हद तक कमी आएगी।

      जिले की हर पंचायत में एक-एक टूटर लगाये जाने का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। इसके साथ ही, पूरे जिले में सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हर पंचायत में बचाव के बैनर-पोस्टर लगाये जायेंगे।

      स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्रों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पंपलेट वितरित किये जाएंगे। कृषि से संबंधित दुकानों पर भी किसानों को जागरूक करने के लिए पंपलेट लगाये जायेंगे। जागरूकता रथ भी चलाया जायेगा, जो बचाव के उपाय लोगों को बताएगा।

      हूटर एक तरह की मशीन है, जिसे स्थापित किया जाता है। आसमानी बिजली गिरने के 30-40 मिनट पहले अलर्ट टूटर आवाज देना शुरू कर देता है। हूटर की आवाज तीन से चार किलोमीटर के दायरे तक सुनाई देती है। गांवों के खेतों में काम करने वाले किसान या खुले में रहने लोग इस छूटर की आवाज को सुनकर सचेत हो सकेंगे। खेत-खंधों से अपने घरों में वापस लौट सकते हैं या एहतियातन बचाव के कदम उठा सकते हैं।

      नालंदा में ठनका गिरने की घटनाओं को देखते हुए अलर्ट मोड़ में रहने का आदेश दिया गया है। वर्ष 2023 में ठनका गिरने से छह व्यक्ति की मौत हो गयी थी, जबकि एक मवेशी की भी जान चली गयी थी। आधिकारिक तौर पर 2024 में भी ठनका गिरने से कई लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। हालांकि, पीड़ित परिजनों को जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मुआवजा का भी भुगतान किया जा चुका है।

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